दूरदर्शन के मालगुडी डेज के स्वामी, राजम और मणि अब हो गए हैं बड़े, गारंटी है पहचान नहीं पाएंगे
दूरदर्शन के दौर में जिसका बचपन बीता है, उसके जेहन में एक धुन आज भी गूंजती होगी. जो थी तानाना... ताना. ना. ना... इस धुन के साथ किसी गांव का सीन, सड़कों और पाठशालाओ