महाराष्ट्र: बेंगलुरु में शिवाजी की प्रतिमा को तोड़ने के खिलाफ प्रदर्शन, कर्नाटक के सीएम बोले- 30 लोगों को किया गया गिरफ्तार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: देव कश्यप Updated Sun, 19 Dec 2021 01:28 AM IST

सार

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'इस घटना की जांच होनी चाहिए, बेलगाम के सीमावर्ती क्षेत्रों में माराठी भाषी लोग सालों से अत्याचारों का सामना कर रहे हैं। अब, शिवाजी की प्रतिमा का अपमान हुआ है, इसके बावजूद कर्नाटक की राज्य सरकार ने इस पर आंखें मूंद ली हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई - फोटो : एएनआई
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विस्तार

कर्नाटक के बेंगलुरु में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना को लेकर महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ दल शिवसेना और अन्य संगठनों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के उपेक्षापूर्ण रवैये के खिलाफ शनिवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग करते हुए इस घटना को लेकर कर्नाटक सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। 

मुंबई में पांडुरंग सापकल के नेतृत्व में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इस घटना एवं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के रवैये के विरूद्ध नारेबाजी की। महाराष्ट्र के मंत्री एवं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया था कि बोम्मई ने इस घटना को छोटी-मोटी घटना बताया। सापकल ने कर्नाटक सरकार को इस घटना के परिणाम की चेतावनी दी। महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन किया गया।



कर्नाटक के सीएम बोले- शिवाजी हमारे आदर्श, 30 लोगों को किया गया गिरफ्तार
वहीं इस घटना पर कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि 'शिवाजी महाराज और संगोली रायन्ना, दोनों स्वतंत्रता सेनानी और हमारे आदर्श हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं और उनकी नीतियों का अनुसरण करता हूं। कुछ असामाजिक तत्व अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को भाषा और अन्य चीजों के मामले में विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं।" बोम्मई ने बताया कि शिवाजी महाराज और सांगोली रायन्ना की मूर्तियों को तोड़े जाने के मामले में कुल 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की
कर्नाटक की घटना को लेकर महाराष्ट्र के बेलगाम, मुंबई, कोल्हापुर और सांगली में विरोध-प्रदर्शन हुए। महाराष्ट्र के सभी दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की और उनसे घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों के खिलाफ अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।

सरकार की ओर से जारी एक बयान में, ठाकरे ने कहा कि पीएम मोदी को व्यक्तिगत रूप से इस जघन्य कृत्य को देखना चाहिए और कर्नाटक में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से इसके पीछे शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की न केवल महाराष्ट्र में बल्कि पूरे देश में पूजा की जाती है और उनका जरा भी अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, 'इस घटना की जांच होनी चाहिए, बेलगाम के सीमावर्ती क्षेत्रों में माराठी भाषी लोग सालों से अत्याचारों का सामना कर रहे हैं। अब, शिवाजी की प्रतिमा का अपमान हुआ है, इसके बावजूद कर्नाटक की राज्य सरकार ने इस पर आंखें मूंद ली हैं। पीएम मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में काशी विश्वनाथ धाम में अपने भाषण में छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम और कौशल की प्रशंसा की थी। उसके कुछ दिनों बाद ही यह घटना हुई है।' 

ठाकरे ने कहा कि 'स्थानीय कर्नाटक सरकार मराठी भाषी लोगों की आवाज को दबा रही है।' ठाकरे ने आगे कहा कि कुछ लोग राजनीति के लिए शिवाजी महाराज के नाम का उपयोग करते हैं, लेकिन जब उनका अपमान होता है तो कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। उन्हें मराठी गौरव के अपमान करने की कीमत चुकानी पड़ेगी।

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