देश के बिजली कंपनियों के लिए हो रहे कोयले की कमी अब धीरे-धीरे समाप्त होती दिख रही है। उसके साथ ही देश के कई हिस्सों से बिजली कटौती भी कम दिखाई देने लगी है। केंद्र सरकार ने आज जानकारी दी कि प्राप्त अंतिम आंकड़े के अनुसार 26 अक्टूबर, 2021 को बिजली संयंत्रों के साथ कोयला भंडार 9.03 मिलियन टन था।
बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ने के संकेत दे रही है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के अनुसार 26 अक्टूबर, 2021 तक बिजली संयंत्रों के साथ कोयला स्टॉक 9.028 मिलियन टन (एमटी) था। पिछले नौ दिनों से कोयले के स्टॉक में दैनिक वृद्धि के साथ, थर्मल पावर प्लांट के अंत में 5 दिनों का स्टॉक उपलब्ध है। ज्ञात हो कि पिछले एक सप्ताह से बिजली को कोयले की कुल आपूर्ति लगातार 2.1 मीट्रिक टन से अधिक रही है।
ताप विद्धुत केंद्रों (टीपीपी) में कोयले का स्टॉक लगभग एक सप्ताह के समय में इसके 6 दिनों के बफर स्टॉक तक पहुंचने की संभावना है। ज्ञात हो कि टीपीपी द्वारा दैनिक आधार पर खपत किए गए कोयले की भरपाई कोयला कंपनियों द्वारा की जाती है। टीपीपी को कोयले की आपूर्ति लगातार बढ़ रही है जो कि पावर प्लांट के अंत में स्टॉक में वृद्धि से स्पष्ट है जो बढ़ने लगी है और पिछले एक सप्ताह के दौरान औसत वृद्धि प्रति दिन दो लाख टन से अधिक है।
ज्ञात हो कि इस महीने के प्रारंभ में जब देश के कई ताप विद्धुत घरों में कोयले की कमी हुई तो TPP ने पावर सप्लाई कम कर दी थी। इससे देश के की शहरों में पावर सप्लाई प्रभावित हुई थी। इसी समस्या को देखते हुए इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने बिजली मंत्री श्री आरके सिंह और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव के साथ संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों, सीएमडी और अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक भी की है। बैठक में यह सहमति हुई थी कि बिजली संयंत्रों को आपूर्ति सभी स्रोतों यानी कोल इंडिया लिमिटेड, सिंगरेनी कोलियरीज लिमिटेड और कैप्टिव खदानों से प्रतिदिन लगभग दो मिलियन टन होगी।
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