छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्यों के सीमा पर तेलंगाना के मुलुगु में पुलिस को आज एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। ज्ञात हो कि यह मुठभेड़ आज तड़के सुबह शुरू हुई थी। घंटों चले गोलीबारी के बाद पुलिस ने नक्सलियों को ढेर करने में सफलता प्राप्त की। नक्सलियों के पास से एक एसएलआर, एके -47, मशीन गन और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।
ज्ञात हो कि तेलंगाना के खुफिया विभाग को कुछ दिनों पूर्व सूचना मिली थी कि माओवादियों की केंद्रीय समिति के सबसे कम उम्र के सदस्य और पहली सैन्य प्लाटून के कमांडर कहे जाने वाले हिडमा ने कथित तौर पर कुछ दिन पहले तेलंगाना में प्रवेश किया था, जिससे पुलिस को छत्तीसगढ़ के नक्सली विरोधी पुलिस बल और सीआरपीएफ के सहयोग से तलाशी अभियान को इन दिनों तेज किया था।
इसी तलाशी अभियान के दौरान तेलंगाना राज्य के मुलुगु जिले और छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले की सीमा पर आज सोमवार 25 अक्टूबर की सुबह पुलिस दल के साथ मुठभेड़ में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के तीन शीर्ष नेता मारे गए। जंगल में माओवादियों की तलाश और मुठभेड़ का स्थान मुलुगु जिले के वजेदु मंडल के पेरुरु पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है।
इस अभियान के बारे में बात करते हुए एतुरुनगरम के एएसपी गौश आलम ने कहा कि वे मारे गए माओवादियों की पहचान करने की कोशिश कर रहे थे। चूंकि पुलिस ने मृतक के पास से एक एसएलआर और दो एके-47 बंदूकें बरामद की हैं, इसलिए यह संदेह है कि डीसीएम कैडर या उससे ऊपर के कैडर के माओवादी माधवी हिड़मा उर्फ हिदमालू उर्फ संतोष के नेतृत्व वाली सैन्य पलटन से संबंधित होने का संदेह है, मुठभेड़ में मारा गया था। इसके साथ ही एएसपी ने यह भी बताया कि तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर माओवादियों की मौजूदगी वाले गांवों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, ताकि नक्सलियों के प्रतिक्रिया में किसी गांववाले का नुकसान न हो।
यह भी पढ़ें: यूपी विधानसभा चुनाव: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का हुआ गठबंधन