
भक्तों को बताते हैं शरद पूर्णिमा की पूजन विधि और मां लक्ष्मी के मंत्र...
Sharad Purnima 2021: हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा की अपनी विशेष जगह है. शरद पूर्णिमा को कौमुदी उत्सव, कुमार उत्सव, शरदोत्सव, रासपूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा और कमला पूर्णिमा वगैरह के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, इस दिन से शरद ऋतु का आगमन होता है. चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में इस रात्रि अमृत की वर्षा करते हैं ऐसी मान्यता है. वहीं, इस दिन मां लक्ष्मी धरती का भ्रमण करती हैं. कहते हैं कि जिस घर में मां लक्ष्मी का जागरण और पूजन होता है, उस घर में प्रवेश करके धन-धान्य से भर देती हैं. इस साल शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर मंगलवार यानि आज पड़ रही है. चलिए भक्तों को बताते हैं शरद पूर्णिमा की पूजन विधि और मां लक्ष्मी के मंत्र.....

भक्त भी जानें शरद पूर्णिमा की पूजन विधि
अश्विन मास की पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा का पूजन किया होता है. शरद पूर्णिमा पर खासतौर पर चंद्रमा और मां लक्ष्मी के पूजने का विधान है. इस दिन सुबह स्नान कर, व्रत रखा जाता है. दिन भर फल खाकर व्रत रखने के बाद चंद्रोदय काल में पूजन होता है. माता की पूजा से पहले चौकी लगाई जाती है, फिर वहां लाल रंग का आसन बिछा कर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित किया जाता है. मां लक्ष्मी को धूप, दीप, गंगाजल आर्पित कर उनकी पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद उन्हें रोली, लाल या गुलाबी रंग के फूल, वस्त्र, नैवेद्य वगैरह चढ़ाएं जाते हैं. वहीं, व्रत कथा और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप किया जाता है. मां लक्ष्मी के सामने शुद्ध घी या तिल के तेल के 11 दीपक जलाकर पूरी रात जागरण किया जाता है. शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद खीर का भोग लगाया जाता है. रात भर चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर को सुबह प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है. कहते हैं इससे आरोग्य और सुख-समृद्धि मिलती है.
शरद पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों का करें जाप
1-ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:..
2- ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा..
3- ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:.