वैसे तो अब कैंसर का इलाज हो ही जाता है, लेकिन इलाज कराने के बावजूद भी कैंसर के मरीज पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाते हैं और उनकी मौत भी हो जाती है।
इसका सबसे बड़ा कारण यह होता है कि इलाज के बाद भी शरीर से कैंसर पूरी तरह जड़ से खत्म नहीं हो पाता है। अगर वाकई में कैंसर रुपी जानलेवा बीमारी जड़ से खत्म करना है तो फिर गौमूत्र एक संजीवनी औषधि की तरह ही कार्य कर सकता है। आइये जानते है कि कैसे गौमूत्र का सेवन कैंसर के रोगियों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
– गौमूत्र एक तरह का स्वर्ण क्षार भी होता है, जिसमें कई तरह की बीमारी से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी पाई जाती है।
– गौमूत्र का सेवन कैंसर का प्रभाव बहुत कम कर सकता है और धीरे-धीरे खत्म होते जाता है।
– गौमूत्र से दवाओं का प्रभाव बहुत बढ़ता है और कैंसर से लड़ने शारीरिक क्षमता भी बढ़ती है।
– गौमूत्र का सेवन कैंसर के संक्रमण को रोकने वाले प्रतिरोधक मोलेक्यूल की क्रियाशीलता को तीव्र करता है और कैंसर को शरीर में बढ़ने और फैलने से भी रोकता है।
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