आम लोगों के लिए बैंक में लॉकर प्राप्त करना हमेशा से एक टेढ़ी खीर रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने आम लोगों की इस परेशानी को भांपते हुए बैंक के लॉकर नियमों में आज भारी फेरबदल की घोषणा की है, जिसे लागू करने के लिए बैंकों को चार महीने से ज्यादा का समय दिया गया है, ताकि वे अपनी तैयारी को पूर्ण कर सकें। आरबीआई के लॉकर से संबंधित ये नए संशोधित निर्देश 1 जनवरी, 2022 से लागू होंगे।
आरबीआई ने आज 18 अगस्त को जारी आदेश में कहा है कि बैंक लॉकरों के आवंटन के उद्देश्य से रिक्त लॉकरों की शाखा-वार सूची के साथ-साथ प्रतीक्षा-सूची बनाए रखें और लॉकरों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करें। बैंक के सभी ग्राहकों से लॉकर आवश्यकता के बारे में पूछा जाएगा और जरूरतमंद ग्राहकों को वेट लिस्ट नंबर जारी किया जाएगा। बैंकों के ब्रांच वाइज लॉकर एलॉटमेंट की जानकारी और वेटिंग लिस्ट कोर बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा और समय-समय पर ग्राहकों को इस बारे में SMS और ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
आरबीआई ने अपने निर्देश में आगे कहा है कि 1 जनवरी 2022 KYC प्रक्रिया के बाद गैर बैंकिंग कस्टमर्स भी बैंक लॉकर की सुविधा का लाभ ले सकेंगे। मगर इस बारे में निर्णय लेने का अधिकार संबंधित बैंक के प्रबंधक के ऊपर निर्भर करेगा। ऐसे ग्राहकों के लिए लॉकर से जुड़ा एग्रीमेंट बैंक और ग्राहक के बीच में स्टांप के जरिए होगा। अगर बैंक को शक हुआ कि लॉकर में रखी सामग्री या इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति कुछ गैरकानूनी कर रहा है तो बैंक एक्शन ले सकता है।
इसके अलावे भी बैंक लॉकर से संबंधित कुछ बदलाव किये गए है, यथा- बैंक मैनेजमेंट अब ग्राहक को सूचना देने के बाद ही लॉकर की शिफ्टिंग कर सकेंगे। साथ ही लॉकर के किराए के रूप में अब टर्म डिपॉजिट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लॉकर की सुरक्षा को मजबूत करते हुए बैंक को स्ट्रॉन्ग रूम की एंट्री और एग्जिट का सीसीटीवी फुटेज साल में कम से कम 180 दिन रखना जरूरी होगा।
यह भी पढ़े- बेल बॉटम का नया गाना हुआ रिलीज