जिस पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर विगत 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चले संसद के मॉनसून सत्र में एक दिन की भी कार्रवाई ठीक से नहीं चल पाई, उसी मुद्दे पर केंद्र सरकार अब विशषज्ञों की जांच कमेटी बनाने को रेडी हो गया है।
ज्ञात हो कि पूरे मॉनसून सत्र की कार्रवाई के दौरान विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी मुद्दे की जांच सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में बने जांच कमेटी के माध्यम से कराने की मांग करते हुए संसद के मॉनसून सत्र की कारवाई को पूरी तरह से रोके रखा था। केंद्र भी अपने जिद पर अड़े रहते हुए ऐसा करने से इनकार करती रही। मगर अब वही केंद्र सरकार पेगासस जासूसी मामले की जांच विशेषज्ञ कमेटी से करवाने को तैयार है, मगर यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ऐसा करने को तैयार हुई है।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया और कहा कि वह कथित पेगासस स्नूपिंग के मुद्दे की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चयन समितियों की सिफारिशों के बावजूद ट्रिब्यूनल में नियुक्ति करने के लिए केंद्र को 10 दिनों का समय दिया है।
ज्ञात हो कि पेगासस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए अपने दो पेज के हलफनामे में केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ताओं द्वारा सरकार के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है कि यह पत्रकारों, राजनेताओं, कर्मचारियों पर जासूसी करने के लिए स्पाइवेयर था और याचिकाएं अनुमानों पर आधारित हैं और आरोपों में कोई दम नहीं है।