विगत डेढ़ वर्ष का कोरोना काल भारतीय अर्थव्यवस्था लिए बहुत मुश्किलों से भरा हुआ रहा, जिस दौरान बहुत सी कंपनियों ने अपने जमे-जमाए कारोबार में घाटा सहा है। अब चूंकि देश की अर्थव्यवस्था फिर से सुधरने लगी हैं, तो कंपनियां अपने व्यवसाय को विस्तार देने के लिए फिर से जोर लगा रही हैं। इस तहत अपनी पूंजीगत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कई छोटी-बड़ी कंपनियां अपने आप को भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग करवा रही हैं, ताकि आईपीओ के माध्यम से वे बाजार से पूंजी इकट्ठा कर सकें।
बाजार से पूंजी जुटाने के उद्देश्य से KFC, कोस्टा कॉफी, पिज्जा हट जैसे इंटरनेशनल फूड ब्रांडस की फ्रेंचाईजी को भारत में संचालित करने वाली कंपनी ‘देवयानी इंटरनेशनल’ ने विगत दिनों अपने आईपीओ को लॉन्च किया था, जिसके सब्स्क्रिप्शन प्रक्रिया में कंपनी के आईपीओ को उसके शेयर की मात्रा से 116 गुना ज्यादा सब्स्क्रिप्शन प्राप्त हुआ था।
निवेशकों के द्वारा दिखाए गए इस दिलचस्पी से यह अंदाजा लगाया जाने लगा था कि देवयानी इंटरनेशनल की शेयर बाजार में बम्पर लिस्टिंग होगी और वही हुआ भी। देवयानी इंटरनेशनल का आज सोमवार 16 अगस्त को शेयर बाजार में लिस्टिंग हुई। अपने लिस्टिंग में कंपनी ने 140.90 रुपए पर खुद को स्टार्ट दिया, जोकि उसके बेस प्राइस (90 रुपए) से लगभग 51 रुपए और 56 प्रतिशत ज्यादा है।
इसका मतलब हुआ कि जिन निवेशकों ने कंपनी के आईपीओ में निवेश किया था और लिस्टिंग के आसपास उन्होंने अपने शेयर बेच दिए तो उनको एक रुपए के निवेश के बदले लगभग डेढ़ रुपए प्राप्त हुए होंगे। हालांकि बाजार के विशेषज्ञ, निवेशकों को देवयानी इंटरनेशनल के शेयर को अभी न बेचने की सलाह दे रहे हैं।
खबर लिखे जाने के समय देवयानी इंटरनेशनल के शेयर अपने लिस्टिंग के स्तर से 17 रुपए कम होकर 124 रुपए के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। लिस्टिंग डे के अनुसार यह 17 रुपए का अंतर बहुत मामूली है और इसके जल्द समाप्त हो जाने की संभावना जताई जा रही है। इसका यह मतलब भी है कि निवेशकों ने कंपनी के आईपीओ में निवेश सिर्फ मुनाफाखोड़ी के उद्देश्य से नहीं किया था, बल्कि वे इस कंपनी में अपने निवेश को आगे भी जारी रखने के पक्ष में भी हैं।