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डाउनलोड करेंमहामारी का असर भारतीय युवाओं की आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं पर भी पड़ा है। अब वे पैसों से ज्यादा रिश्तों और लंबे समय तक चलने वाली दोस्ती को अहमियत देने लगे हैं। एक ताजा सर्वे में 89.6 % लोगों ने रिश्तों को वरीयता दी है। सेहत दूसरे क्रम पर है, 88.5% लोगों ने इसे शीर्ष प्राथमिकता बताया है। बैंक बाजार डॉट कॉम के एस्पिरेशन इंडेक्स (आकांक्षा सूचकांक)-2021 के नतीजों से यह पता चला है। बैंक बाजार ने दैनिक भास्कर के साथ ये नतीजे साझा किए हैं।
सर्वे के मुताबिक रिश्तों को लेकर प्रमुख युवाओं का प्रमुख लक्ष्य बच्चों की शिक्षा के लिए पैसे बचाना व निवेश करना और परिवार के करीब रहना है। वहीं, घर अब भी तीसरा महत्वपूर्ण लक्ष्य (88.2%) बना हुआ है। चौथे नंबर पर (82.9%) प्रसिद्धि की चाहत और पांचवें पर (80.5%) व्यक्तिगत ग्रोथ है।
देश के छह मेट्रो और 20 से ज्यादा टियर-2 शहरों में 22-45 साल के 1700 से ज्यादा नौकरीपेशा और डिजिटल समझ रखने वाले पुरुषों और महिलाओं के बीच सर्वे से यह इंडेक्स तैयार किया गया है। इसके मुताबिक 82% कामकाजी पुरुषों और महिलाओं पर महामारी का नकारात्मक असर पड़ा है।
इस झटके से उबरने में उन्हें छह महीने से दो साल तक का वक्त लगेगा। मेट्रो में रहने वालों (81%) की तुलना में नॉन मेट्रो वाले (85%) ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इलाज पर खर्च (43%), बचत और निवेश घटना (42%) और सैलरी में कमी (33%) तनाव के बड़े कारण हैं। युवा अब मानसिक सेहत को भी महत्वपूर्ण मानते हैं। 39% ने माना कि वे जल्द काउंसिलिंग के लिए जाएंगे।
महामारी ने युवाओं को प्रभावित किया
अच्छी बात यह है कि महामारी से हुए नुकसान के बावजूद आने वाले साल को लेकर युवा सकारात्मक हैं। वे घर खरीदना, ट्रैवल और खुद का बिजनेस जैसे लक्ष्यों को पूरा करने की योजना बना रहे हैं। बैंक बाजार के कोफाउंडर और सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘महामारी ने युवाओं पर असर डाला है। सीधे तौर पर प्रभावित न होने वालों ने भी तनाव तो झेला ही है। सर्वे से स्पष्ट है कि सेहत के साथ प्रियजनों के भविष्य की सुरक्षा पर युवाओं का फोकस है।’
अपनी आकांक्षाओं के लिए पुरुषों से बेहतर काम कर रहीं महिलाएं : सर्वे
एस्पिरेशन इंडेक्स के मुताबिक महिलाएं अपनी आकांक्षाओं के लिए पुरुषों से बेहतर काम कर रही हैं। हालांकि उन्होंने पुरुषों की तुलना में कठिन वक्त का सामना किया है। महिलाएं सेहत को लेकर भी ज्यादा ज्यादा चिंतित दिखीं। पर इसके साथ ही वे पैसों को भी महत्व देती हैं। हैरानी की बात यह है कि अपनी पुरानी पीढ़ी और समकक्ष पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा महात्वाकांक्षी हैं। पर सेहतमंद खानपान और फिटनेस पर पुरुषों व महिलाओं का ध्यान समान रूप से है। सामाजिक और व्यावसायिक सफलता को भी दोनों ने बराबर महत्व दिया है।
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