AMN / NEW DELHI
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों का आह्वान किया है कि वे अपने रास्ते में आने वाली हर तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें, क्योंकि बदलते वातावरण में सुरक्षा के आयाम भी लगातार बदल रहे हैं। श्री सिंह ने भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए हमेशा तत्पर है।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आकाशवाणी पर सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर अहिंसा हमारा परम कर्तव्य है तो राष्ट्र की रक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है तथा देश की एकता और अखंडता के लिए हम हर बलिदान देने को तैयार हैं।
श्री सिंह ने कहा कि हमारी सतर्कता और अदम्य साहस के कारण पिछले एक वर्ष से जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2021 के बाद से संघर्ष-विराम उल्लंघन की घटनाओं में भी कमी आई है तथा सशस्त्र बलों तथा अर्द्धसैनिक बलों की चौकसी की वजह से सीमापार से घुसपैठ भी बंद हो गई है। गृहमंत्री ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ मतभेदों को संवाद के माध्यम से सुलझाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
श्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार, सशस्त्र बलों की परिचालन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हमेशा से ही तत्पर रही है। वित्त वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट में एक ऐतिहासिक प्रयास के तहत रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए पूंजीगत परिव्यय को एक लाख 13 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर एक लाख 35 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है, जोकि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 18 दशमलव सात पांच प्रतिशत अधिक हैं। रक्षामंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार देश की रक्षा के लिए हर कदम उठायेगी।