अजय मीनिया, एलओसी, पलांवाला सेक्टर
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Sat, 14 Aug 2021 01:52 AM IST
जम्मू-कश्मीर में ड्रोन का लगातार इस्तेमाल कर रहे आतंकी संगठनों को अब मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। स्वतंत्रता दिवस से पहले सेना ने नियंत्रण रेखा पर गैटलिंग एंटी ड्रोन गन तैनात कर दी है। यह गन ड्रोन दिखते ही सटीक निशाना लगाकर उसे मार गिराएगी। सेना की ओर से खुद तैयार की गई यह खास गन एक साथ ड्रोन पर ट्रेस बुलेट से फायर करेगी। अखनूर के पलांवाला सेक्टर में इसको एलओसी पर कई लोकेशन पर तैनात कर दिया गया है। सीमा पार से लगातार ड्रोन से घुसपैठ को देखते हुए इसे तैनात किया गया है। खास बात यह है कि इसे तैयार करने में सेना ने बाहर से कुछ नहीं खरीदा। खुद विकसित की गई तकनीक से यह तैयार की गई है।
भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ड्रोन से हथियार और गोला बारूद भेज रहा है। आतंकियों ने जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन के जरिए हमला भी किया। ड्रोन से निपटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था, जिसके लिए सेना ने उक्त गन को तैयार किया है।
ऐसे बनी गन, यूं करेगी प्रहार
तीन इंसास राइफलों को एक खास तरह के तैयार फ्रेम में जोड़ा गया है। तीनों का एक ही ट्रिगर बनाया गया है। एक लोहे के पिलर पर इसे बनाया गया है, जो 360 डिग्री में घूम सकती है। इसमें बुलेट के साथ ट्रेसर लगाया गया है। जैसे ही ड्रोन दिखेगा तो इसमें से एक साथ तीन बंदूकों से तीन बुलेट निकलेंगी। यह ट्रेसर अपने साथ एक रोशनी वाली लीक खींच देगा। इससे पता चल जाएगा कि ड्रोन किस दिशा में है। इसके बाद फिर से ट्रेसर के साथ तीन गोलियां एक साथ तीनों बंदूकों से निकलेंगी जो ड्रोन पर निशाना लगाने में मदद करेगी। 800 मीटर ऊंचाई और 400 मीटर सामने की दिशा में यह मार करेगी।
इसलिए लगाईं तीन बंदूकें एक साथ
तीन बंदूकों को एक साथ लगाकर यह गन तैयार की गई है। कई बार एक बुलेट निकलने से निशाना लगाने में आगे पीछे हो जाती है, लेकिन तीन बुलेट जब एक साथ निकलेंगी तो तीनों में से एक या दो सीधे निशाने पर लगेंगी। तीनों बुलेट जब निकलेंगी तो इनमें आपस का अंतराल एक से डेढ़ फुट का होगा और यह तीनों फुट का दायर तीनों तरफ से कवर करेगी।
रात में डेढ़ किलोमीटर दूर तक दिखेगा संदिग्ध
सेना ने एलओसी पर एक विशेष नाइट विजन उपकरण भी लगाया है, जो रात के समय में डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक किसी व्यक्ति को देख सकेगा। साथ ही इसको लैपटॉप, टैब या टीवी स्क्रीन पर देखा जा सकता है। एक किलोमीटर तक चलने वाले किसी भी वाहन को भी देखा जा सकता है। यह उपकरण सेना के बेड़े में हाल ही में जोड़ा गया है।
विस्तार
जम्मू-कश्मीर में ड्रोन का लगातार इस्तेमाल कर रहे आतंकी संगठनों को अब मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। स्वतंत्रता दिवस से पहले सेना ने नियंत्रण रेखा पर गैटलिंग एंटी ड्रोन गन तैनात कर दी है। यह गन ड्रोन दिखते ही सटीक निशाना लगाकर उसे मार गिराएगी। सेना की ओर से खुद तैयार की गई यह खास गन एक साथ ड्रोन पर ट्रेस बुलेट से फायर करेगी। अखनूर के पलांवाला सेक्टर में इसको एलओसी पर कई लोकेशन पर तैनात कर दिया गया है। सीमा पार से लगातार ड्रोन से घुसपैठ को देखते हुए इसे तैनात किया गया है। खास बात यह है कि इसे तैयार करने में सेना ने बाहर से कुछ नहीं खरीदा। खुद विकसित की गई तकनीक से यह तैयार की गई है।
भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ड्रोन से हथियार और गोला बारूद भेज रहा है। आतंकियों ने जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन के जरिए हमला भी किया। ड्रोन से निपटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था, जिसके लिए सेना ने उक्त गन को तैयार किया है।
ऐसे बनी गन, यूं करेगी प्रहार
तीन इंसास राइफलों को एक खास तरह के तैयार फ्रेम में जोड़ा गया है। तीनों का एक ही ट्रिगर बनाया गया है। एक लोहे के पिलर पर इसे बनाया गया है, जो 360 डिग्री में घूम सकती है। इसमें बुलेट के साथ ट्रेसर लगाया गया है। जैसे ही ड्रोन दिखेगा तो इसमें से एक साथ तीन बंदूकों से तीन बुलेट निकलेंगी। यह ट्रेसर अपने साथ एक रोशनी वाली लीक खींच देगा। इससे पता चल जाएगा कि ड्रोन किस दिशा में है। इसके बाद फिर से ट्रेसर के साथ तीन गोलियां एक साथ तीनों बंदूकों से निकलेंगी जो ड्रोन पर निशाना लगाने में मदद करेगी। 800 मीटर ऊंचाई और 400 मीटर सामने की दिशा में यह मार करेगी।
इसलिए लगाईं तीन बंदूकें एक साथ
तीन बंदूकों को एक साथ लगाकर यह गन तैयार की गई है। कई बार एक बुलेट निकलने से निशाना लगाने में आगे पीछे हो जाती है, लेकिन तीन बुलेट जब एक साथ निकलेंगी तो तीनों में से एक या दो सीधे निशाने पर लगेंगी। तीनों बुलेट जब निकलेंगी तो इनमें आपस का अंतराल एक से डेढ़ फुट का होगा और यह तीनों फुट का दायर तीनों तरफ से कवर करेगी।
रात में डेढ़ किलोमीटर दूर तक दिखेगा संदिग्ध
सेना ने एलओसी पर एक विशेष नाइट विजन उपकरण भी लगाया है, जो रात के समय में डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक किसी व्यक्ति को देख सकेगा। साथ ही इसको लैपटॉप, टैब या टीवी स्क्रीन पर देखा जा सकता है। एक किलोमीटर तक चलने वाले किसी भी वाहन को भी देखा जा सकता है। यह उपकरण सेना के बेड़े में हाल ही में जोड़ा गया है।