मंगलवार को विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए हंगामे की निंदा करते हुए, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू भावुक हो गए और कहा कि वह मतभेद के कारण सदन की पवित्रता को नष्ट होते देखकर दुखी हैं।
हंगामे का जिक्र करते हुए नायडू भावुक भी हो गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि सदन में जो हुआ वो लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. नायडू ने पूरे सत्र में विपक्ष के रवैये को लेकर अपनी वेदना जाहिर की. उन्होंने कहा कि जब कुछ सदस्य टेबल पर आए तो सदन की गरिमा को चोट पहुंची और मैं पूरी रात नहीं सो पाया।
राज्यसभा चेयरमैन ने विपक्ष की लगातार मांग पर ये भी कहा कि आप सरकार को इस बात के लिए फोर्स नहीं कर सकते कि वो क्या करे, क्या नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्दा उठाने में कोई समस्या नहीं है, चर्चा की परमिशन दी गई थी।
जैसे ही सभापति ने टिप्पणी की, विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी जारी रखी, जिसके बाद राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
अध्यक्ष ने कहा,संसद को लोकतंत्र का मंदिर और सदन के केंद्र को गर्भगृह बताते हुए नायडू ने कहा: “कल जिस तरह से पवित्रता को नष्ट किया गया, उससे मैं व्यथित हूं। जब कुछ सदस्य मेज पर बैठे, तो कुछ सदस्य मेज पर चढ़ गए। घर, शायद अपवित्रता के ऐसे कृत्यों के साथ और अधिक दिखाई देने के लिए।
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बावजा पर टेबल पर चढ़ने और रूलबुक फेंकने के आरोप लगे हैं. बीजेपी सांसद की तरफ से इसका एक वीडियो भी जारी किया गया है जिसमें बाजवा टेबल पर खड़े होकर हाथ में कुछ लहराते हुए नजर आ रहे हैं।जबकि काले कानून वापस लो की नारेबाजी भी की जा रही है।
सरकार की तरफ से भी आरोप लगाए गए हैं कि जब किसानों के मु्द्दे पर चर्चा शुरू हो रही थी तो कांग्रेस और विपक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आरोप लगाया कि विपक्ष दिखावा कर रहा है, वो किसानों के मुद्दे पर चर्चा ही नहीं चाहता है।
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