सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को एक जालसाजी मामले में जमानत दे दी। बता दें कि जमानत मिलने के बाद भी अब्दुल्लाह अभी जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं
कोर्ट ने निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश में संबंधित ट्रायल कोर्ट द्वारा चार सप्ताह के भीतर मामले में आजम खान का बयान दर्ज करने के बाद पिता और पुत्र को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान पर 2017 के चुनावों में भाग लेने के लिए उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों पर उनकी उम्र का ढोंग करने का आरोप है।
खान पिछले साल फरवरी से सीतापुर जेल में बंद है और उसके खिलाफ सौ से अधिक मामले दर्ज हैं। उनका बेटा भी सीतापुर जेल में बंद है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
आजम खान की जमानत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐतराज जाहिर किया है। इसपर कोर्ट ने सवाल किया कि क्या इस मामले में अभी भी कस्टडी की जरूरत है? कोर्ट के इस सवाल पर जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वकील एसवी राजू ने बताया कि आजम खान के खिलाफ कई गंभीर मामलों में FIR दर्ज है।
आजम खान और अब्दुल्लाह आजम पर आरोप है की पहला पैन कार्ड मौजद होने के बाद भी दूसरा पैन कार्ड बनवाया और पहले पैन कार्ड की जानकारी छुपाई। आज़म खान के वकील सिब्बल ने कहा सरकार ने पासपोर्ट और पैन कार्ड मामले में अलग अलग FIR दर्ज की है। जबकि इस मामले में मुख्य FIR में आज़म खान को ज़मानत मिल चुकी है।
आरोपी को जेल में रखने के लिए सरकार ने एक ही मामले में अलग अलग FIR दर्ज किया है। यही हाल अबुल्लाह आज़म खान का है।आज़म खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा की आज़म खान को तीन मामलों को छोड़ कर सभी मामलों मे ज़मानत मिल चुकी है।