हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत हिमालयी राज्य, अपने शानदार और लुभावने सुरम्य प्राकृतिक माहौल के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, जिस वज़ह से दुनिया भर से लाखों पर्यटक यहां आने के लिए आकर्षित होते हैं। लेकिन अब इसका एक नया लक्ष्य है – यह अच्छी गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा के लिए देश भर में पहली पसंद का केंद्र और गंतव्य बनना चाहता है।
राज्य का मानना है कि उसके पास सबकुछ है, बुनियादी ढांचे से लेकर शांतिदायक माहौल और बेहतरीन जगह, परिवहन की बेहतरीन कनेक्टिविटी, उच्च राजनीतिक प्रतिबद्धता तक और सबसे महत्वपूर्ण रूप से दोस्ताना आबादी वाला एक बेहद शांतिपूर्ण और सुरक्षित राज्य, जो अपने लक्ष्य को दोगुना तेज़ समय में पूरा कर सकता है।
राज्य पहले से ही अपने शिक्षा क्षेत्र में बदलाव लाने और उसे बेहतर बनाने में आगे रहा है और इसने गुणवत्ता से समझौता किए बिना निजी संस्थानों को स्थापित करना भी सहज बनाया है, जिस वज़ह से अब तक कम से कम 16 निजी विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं। राज्य को अपने कई अच्छे राज्य या सार्वजनिक विश्वविद्यालयों, मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज, होटल और आम प्रबंधन संस्थानों और बाकी सब पर भी काफी गर्व है। इस सिद्ध और विश्वसनीय अतीत की विरासतों पर एक नया मुकाम बनाना निश्चित रूप से आसान होगा।
हिमाचल प्रदेश को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के मामले में महादेशीय हब बनाने का काम मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग (Himachal Pradesh Private Educational Institutions Regulatory Commission/HP-PERC) करेगा। इस निकाय की स्थापना हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश शैक्षिक संस्थान (नियामक आयोग) अधिनियम, 2010 की धारा-3 के तहत की थी।
इसे निजी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने, पढ़ाने, परीक्षा देने, अनुसंधान करने और छात्रों के हितों की सुरक्षा करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बेहतर बनाने के उचित मानकों को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार और केंद्रीय नियामक निकायों के बीच इंटरफेस के रूप में काम करने हेतु राज्य में एक नियामक तंत्र देने के लिए बनाया गया था।
HP-PERC के अध्यक्ष, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे कि हिमाचय प्रदेश हिमाचल के साथ ही अन्य राज्यों के विद्यार्थियों के लिए भी पहली पसंद के रूप में उभरे क्योंकि हमारे उच्च शिक्षा के शानदार संस्थान राज्य और देश के समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास को आगे बढ़ा रहे हैं।”
जनरल कौशिक ने आगे बताया कि आयोग ने केंद्र सरकार या राज्य सरकार के विभिन्न नियामक निकायों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रवेश, शिक्षण, परीक्षा, अनुसंधान, अवसंरचना और शिक्षकों की योग्यता की प्रमाणिकता को नियमित रूप से जांचकर राज्य में शिक्षा के मानक को अनुकूल और बेहतर बनाने पहले ही कई कदम उठाए हैं।
HP-PERC राज्य में छात्रों को बेहतरीन गुणवत्ता की शिक्षा दिया जाना सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाता है। हर साल स्कॉलर कई पेटेंट और अन्य शोध योगदान दे रहे हैं। इसलिए निजी विश्वविद्यालय गुणवत्ता आधारित शिक्षा का प्रसार कर रहे हैं जिसमें हिमाचल अपने अथक सहयोग से ज्ञान की दुनिया को रोशन कर रहा है और HP-PERC के उद्देश्य को पूरी लगन से पूरा कर रहा है।