देश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है ऐसे में नेता एक बार फिर आरोप- प्रत्यारोप के दंगल में फिर उतर गए है। ऐसे ही शुक्रवार को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया। विपक्ष पेगासस फोन हैकिंग विवाद पर बहस की अपनी मांग पर अड़े रहने के साथ 14 वें दिन भी संसद में व्यवधान और विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
पिछले साल पारित हुए तीन केंद्रीय कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए लगभग 200 किसान 22 जुलाई से बजंतर मंतर पर डेरा डाले हुए हैं जिसका नाम ‘किसान संसद’ रखा गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मौके पर कहा, ‘आप सभी जानते हैं कि संसद में क्या हो रहा है। हम संसद में पेगासस के बारे में बात करना चाहते हैं लेकिन वे (सरकार) पेगासस का मुद्दा नहीं उठाने दे रहे हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “(पीएम) नरेंद्र मोदी ने हर भारतीय के फोन की जासूसी की है।”
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने यह भी घोषणा की कि विपक्षी दल भारत के सभी हिस्सों के किसानों का समर्थन करने के लिए जंतर-मंतर पर आए हैं। उन्होंने कहा चर्चा के माध्यम से कुछ भी नहीं निकाला जा सकता है। इन कानूनों को निरस्त करने की जरूरत है।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, जंतर मंतर पर कांग्रेस के अलावा नेशनल कांफ्रेंस और लोकतांत्रिक जनता दल मौजूद रहे जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेता भी वहाँ पहुँचे लेकिन वह बाक़ी की पार्टीयों से दूरी रखते हुए सुबह आकर चले गए।
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