एक ताज़ा अध्ययन के मुताबिक ग्रीन टी के चाय में एक अणु पाया गया है जो एथरोस्क्लेरोसिस से बचाने में पूर्ण्तः मदद कर सकता है, जों दिल के दौरे और स्ट्रोक का एक आम कारण है। आपको बता दे की एथरोस्क्लेरोसिस फलक के रूप में धमनीयों में उतपन्न होता है। रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर फैटी लकीर के रूप में शुरू होकर ये धीरे-धीरे आकार में बढ़ते रहते हैं ताकि कठोर पट्टियां बन सकें।
यह रक्त प्रवाह को कम करने धमनियों को पूर्ण्तः संकुचित करता है। शरीर के कुछ क्षेत्रों में ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलता है जो उन्हें स्वस्थ रखता है। हरी चाय के शुद्ध स्वास्थ्य लाभों की सूची लगभग अनदेखी है। कैंसर से लडऩे वाली शक्तियों से वजन घटाने के चमत्कारों तक, हरी चाय को जीवन का मुख्य उत्थान समझा जाता है।
हालांकि, शोध इन दावों में से कई का समर्थन नहीं करता है। हरी चाय में बहुत सारे यौगिक होते हैं, वैज्ञानिक अभी भी संभावित बायोएक्टिव अणुओं को छेड़छाड़ करने के लिए पेय पदार्थों के घटकों को पूर्ण्तः विच्छेदन कर रहे हैं।
आपको बता दे की ऐसा एक रसायन इपीगालोकेथीन-3-गेलेट (EGCG) है। यह हरा, काला, और सफेद चाय में पाया जाता है, लेकिन यह हरी चाय की सूखे पत्तियों में सबसे प्रचुर मात्रा होता है। वैज्ञानिकों ने यह दिखाया है कि यह यौगिक एपोलिपोप्रोटीन A-1 (APOA -1), एक प्रोटीन से जुड़ा हुआ है जो अल्जाइमर रोग वाले लोगों के दिमाग में पाए जाने वाले एमिलॉयड प्लेक के समान व्यवहार करता है। इसके कारण, अध्ययनों ने अल्जाइमर के खिलाफ EGCG के संभावित उपयोग की खोज की है।
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