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डाउनलोड करेंओडिशा का जगन्नाथ पुरी देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जिसके हर घर में 24 घंटे पीने का शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। साथ ही शहर आने वाले हर पर्यटक के लिए भी मुफ्त पीने के पानी की व्यवस्था है। पुरी की ढाई लाख आबादी में 32 हजार से ज्यादा नल कनेक्शन हैं। सालाना 2 करोड़ यात्री यहां पहुंचते हैं।
शहर में जगह-जगह पीने के पानी के फाउंटेन लगाए गए हैं, ताकि किसी भी यात्री को बोतल बंद पानी न खरीदना पड़े और न ही उसे लेकर चलना पड़े। इससे पुरी में सालाना 3 करोड़ प्लास्टिक बोलतों के इस्तेमाल में कमी आएगी, यानी 400 मीट्रिक टन कचरा कम होगा।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि अपनी नई उपलब्धि के साथ पुरी अब न्यूयॉर्क, लंदन, सिंगापुर व टोक्यो जैसे शहरों की लीग में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा है कि मार्च, 2022 तक कटक, राउरकेला, खुर्दा जटनी, बरहामपुर सहित 15 अन्य शहरों में भी 40 लाख आबादी को यह सुविधा उपलब्ध होगी। सरकार सुजल (नल से पेयजल) मिशन पर 1300 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
सरकार ने अक्टूबर, 2020 में भुवनेश्वर व पुरी के कुछ इलाकों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हर घर को उच्च गुणवत्ता वाला पानी मुहैया कराने का मिशन शुरू किया था। शुरुआती सफलता के बाद उसे पूरे पुरी शहर लागू किया। सरकार ने इस मिशन में महिलाओं के एनजीओ को भागीदार बनाया है। नल कनेक्शन देने, पानी की गुणवत्ता जांचने और उपभोक्ताओं की शिकायतों पर ध्यान देने के लिए पूरी टीम (जलसाथी) भी महिलाओं की है।
पानी से जुड़ा डेटा चौराहों पर लगी स्क्रीन पर भी दिखेगा
पुरी में रोजाना पानी की मांग 38 एमएलडी है। पर यहां 42 एमएलडी की क्षमता वाला वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। एक कॉल सेंटर (155359) भी स्थापित किया गया है, जो सिर्फ पानी की गुणवत्ता व उसके प्रेशर में कमी की शिकायतों देखेगा। शिकायत मिलते ही मोबाइल वाॅटर टेस्टिंग लैबोरेट्री मौके पर जाकर पानी की टेस्टिंग करेगी। पानी को 30 मानकों पर जांचने की व्यवस्था की गई है। शहर के प्रमुख चौराहों पर पानी की गुणवत्ता का लाइव डेटा स्क्रीन पर दिखेगा।
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