सरकार ने खाद्य तेल के मूल्यों में कमी लाने और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए कच्चे पाम ऑयल पर शुल्क में पांच प्रतिशत की कटौती की है।
रिफाइंड पाम ऑयल के मूल्यों में कमी लाने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने आर बी डी पाम ऑयल के आयात से प्रतिबंध हटाने और इसे आयात की मुक्त सामान्य श्रेणी में ऱखने की अनुशंसा की है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है कि देश में उपभोग किए जाने वाले प्रमुख खाद्य तेलों में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी और नारियल, पाम ऑयल और राइस ब्रान शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना के जरिए कच्चे पाम ऑयल पर शुल्क 15 प्रतिशत के घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। शुल्क की यह दर 30 सितंबर तक लागू रहेगी।
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