नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई का मामला:रोपड़ जेल से लाए गए गिरोह के सरगना और साथियों से 48 लाख रुपए बरामद, 2 करोड़ पहले ही रिकवर कर चुकी पंजाब पुलिस

पानीपत6 मिनट पहले

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पानीपत में रिमांड के दौरान बरामद की गई नकदी और दूसरे सामान के साथ पंजाब से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए गिरोह के मेंबर्स।

हरियाणा के पानीपत में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई के मामले में रविवार को बड़ा खुलासा हुआ है। बीते दिनों पंजाब की रोपड़ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए इस सप्लाई गिराोह के सरगना और उसके साथियों से पुलिस ने 48 लाख रुपए, नकली रैपर और डिब्बे बरामद किए हैं। पता चला है कि ये लोग अब तक 5 करोड़ रुपए कमा चुके हैं। हालांकि इससे पहले पंजाब पुलिस भी इनसे 2 करोड़ रुपए बरामद कर चुकी है।

मई में 4 इंजेक्शन की रिकवरी के बाद जुड़ी बड़ी कड़ियां

पानीपत के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि मई महीने में शहर के सेक्टर-13/17 कट से इसी इलाके के गौरव जैन को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी करते पकड़ा गया था। उस वक्त इससे 4 इंजेक्शन बरामद किए गए थे। पूछताछ में गौरव ने बताया था कि वह ये इंजेक्शन बरसत रोड पर एक गौशाला की डिस्पेंसरी में नौकरी करते BAMS डॉक्टर योगेश से लेकर आया था। सप्लाई के एवज में उसे एक इंजेक्शन पर 2 हजार रुपए कमीशन मिलना था। CIA-3 की टीम ने योगेश को गिरफ्तार किया तो उसने इंजेक्शन सेक्टर-6 के दिलबाग से खरीदकर लाने की बात कबूली, जो खन्ना रोड पर दवाइयों का होल-सेल का स्टोर चलाता है। दिलबाग से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह प्रदीप से इंजेक्शन खरीदकर लाया था, वहीं सनोली रोड स्थित हैदराबादी अस्पताल में मेडिकल स्टोर चला रहे प्रदीप को पहले ही जिला पुलिस रिमांड पर लिए हुए थी। उसने बताया था कि उसे मुजफ्फरनगर का मोहम्मद शहवार सप्लाई करता था।

इस खुलासे के बाद पानीपत पुलिस पंजाब की रोपड़ जेल में बंद भाखड़ा नहर में नकली इंजेक्शनों की खेप फेंकने के 6 आरोपियों में शामिल मोहम्मद शहवार, शाह आलम और मोहम्मद अरसद को पिछले सप्ताह प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई। 7 दिन का रिमांड लिया और इस दौरान उनसे बड़े खुलासे हुए हैं।

इस तरह किया रैपर बदलने का घालमेल

पुलिस के मुताबिक मोहम्मद शहवार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान उसने रेमडेसिविर इंजेक्शनों का बिजनेस करके मोटा मुनाफा कमाने की सोची। अपनी रजिस्टर्ड फर्म Nautvins Pharmacuticalas से हिटरो कंपनी हैदराबाद को मेल द्वारा 2 हजार रुपए के रेट पर 30 हजार असली रेमडेसिविर इंजेक्शनों का ऑर्डर किया, जिसे कंपनी ने कैंसल कर दिया। फिर उसने नकली इंजेक्शन तैयार करने की योजना बनाई और इसी के साइज में मिलने वाले एंटीबायोटिक इंजेक्शन Piperacillion with Tazobact के 30 हजार इंजेक्शनों का ऑर्डर अपनी रजिस्टर्ड फर्म Nautvins Pharmacuticalas से Sunvet Pharma. Pvt. Ltd काला आम्ब को किया। साथ ही इंटरनेट के माध्यम से रेमडेसिविर का रैपर और डिब्बी के प्रिंट डाउनलोड करके अपनी फर्म की मेल से प्रिंटिंग प्रेस में भेजकर तैयार करवाए। मोहम्मद शहवार को Sunvet Pharma. Pvt. Ltd कंपनी से 12 हजार एंटीबायोटिक इंजेक्शन Piperacillion with Tazobact मिल गए। उसने घर लाकर शाम को बड़े टब में डाल दिया। अगले दिन बुआ के लड़के शाह आलम और शहनजर के साथ मिलकर लेबल बदल दिया और डिब्बे में पैक कर दिए। तीनों ने मिलकर 12 हजार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार करके इनमें से करीब 10 हजार इंजेक्शनों को हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड व हिमाचल में दवाओं के होलसेलर को 5 हजार रुपए प्रति इंजेक्शन के हिसाब से बेचे। इससे करीब 5 करोड़ रुपए कमाए।

इस लालच ने बिगाड़ा खेल

पैसों को देखकर शाह आलम के मन मे लालच आ गया। उसने अपने दोस्त मोहम्मद अरशद वासी सहारनपुर और मोहम्मद अरशद के भाई अखलद उर्फ अली के साथ मिलकर शहनजर को सहारनपुर पुलिस द्वारा पकड़े जाने की बात मोहम्मद शहवार को बताई और कहा कि सारे पैसे लेकर आ जाए। इस बात से डरते हुए मोहम्मद शहवार ने सारे पैसे शाह आलम, मोहम्मद अरशद व अखलद उर्फ अली को दे दिए और बचे नकली 2 हजार इंजेक्शन भाखड़ा नहर में फेंक दिए। उधार अब तक इस मामले मे पानीपत की CIA-3 कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। बाकी आरोपियों को भी जल्द ही काबू कर लिया जाएगा।

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Source | दैनिक भास्कर

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