कोविड वैक्सीन बनाने वाले भारतबायोटेक के चेयरमैन कृष्ण एला को हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से वाई श्रेणी की सशस्र् सुरक्षा प्रदान की गई है। उनकी कंपनी दवा की खोज , दवा के विकास और अन्य वैक्सनी का भी निर्माण करती है। 52 वर्षीय एला हैदराबाद स्थित बायोटेक्नोलाजी कंपनी के संस्थापक भी हैं, जो स्वदेशी कोवैक्सीन का निर्माण कर रही है।
बता दें, उन्हें यह सुरक्षा जीवन रक्षक टीकों व अन्य चिकित्सकीय सामग्री के उत्पादन का नेतृत्व करने की उनकी मौजूदा भूमिका को देखते हुए दी गई है। जब वह देश के किसी भी हिस्से में यात्रा करेंगे तो वाई श्रेणी की केंद्रीय सुरक्षा के तहत उनके साथ दो-तीन कमांडो मौजूद रहेंगे।
केंद्र ने अनुसार, भारत बायोटेक के अध्यक्ष को हाल ही में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के सशस्त्र कमांडो की सुरक्षा जानकारी प्रदान की गई थी। अधिकारियों ने कहा कि यह जीवन रक्षक टीकों और अन्य चिकित्सा आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन की अगुवाई करने की उनकी वर्तमान प्रोफ़ाइल को देखते हुए किया गया था। सुरक्षा विस्तार में दो से तीन कमांडो शामिल हैं जो एला के साथ ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा के तहत देश के किसी भी हिस्से में यात्रा करेंगे।
भारत में COVID-19 टीकों में से एक के उत्पादन में शामिल व्यवसायी को ‘संभावित खतरों’ के कारण यह निर्णय लिया गया था। इससे पहले अप्रैल में, केंद्र सरकार ने इसी तरह कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाले पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ और प्रमोटर अदार पूनावाला को “वाई” श्रेणी का सुरक्षा दिया था। केंद्र सरकार का यह फैसला पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के निदेशक, सरकार और नियामक मामलों के बाद आया है, प्रकाश कुमार सिंह ने 16 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पूनावाला के लिए सुरक्षा का अनुरोध किया था। सुरक्षा विस्तार में 4-5 सशस्त्र कमांडो शामिल थे जो उसके साथ यात्रा करेंगे।
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