नापाक मंसूबे : पीएम की कश्मीर बैठक से बौखलाए पाकिस्तान ने करवाया ड्रोन हमला

बृजेश कुमार सिंह, जम्मू
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Mon, 28 Jun 2021 04:29 AM IST

सार

बॉर्डर से लगते सुरक्षा प्रतिष्ठानों की करवा रहा रेकी, सीमापार से लगातार भेजे जा रहे ड्रोन। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में लगातार बने रहने तथा दिल्ली दरबार में हाल ही में पीएम के साथ कश्मीरी नेताओं की सर्वदलीय बैठक में अनुच्छेद 370, 35ए को तव्वजो न मिलने से बौखलाए पाकिस्तान के इशारे पर एयरफोर्स स्टेशन को निशाना बनाया गया।

जम्मू एयरपोर्ट स्टेशन के बाहर…
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

विस्तार

विज्ञापन

पाकिस्तान पिछले दो साल से ड्रोन भेजकर लगातार अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा पर नापाक साजिशें रच रहा है। सीमा पार से हथियारों और नशे की खेप की तस्करी के साथ ही बॉर्डर से लगे सुरक्षा प्रतिष्ठानों की रेकी भी करवाई जा रही है। हाई सिक्योरिटी जोन में स्थित जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद यह शक और गहरा रहा है।

सुरक्षा और जांच एजेंसियों का मानना है कि हमले में पाकिस्तान का हाथ है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में लगातार बने रहने तथा दिल्ली दरबार में हाल ही में पीएम के साथ कश्मीरी नेताओं की सर्वदलीय बैठक में अनुच्छेद 370, 35ए को तव्वजो न मिलने से बौखलाए पाकिस्तान के इशारे पर एयरफोर्स स्टेशन को निशाना बनाया गया।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार ड्रोन की घुसपैठ पर पहले से ही सभी प्रतिष्ठानों को अलर्ट किया जा चुका है। आईबी व एलओसी पर हर वक्त ड्रोन की मूवमेंट पर नजर रखने के भी निर्देश हैं। पीआईए लिखे बैलून भी सीमावर्ती इलाकों में कई बार पाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के इशारे पर पिछले कुछ महीनों से जम्मू को आतंकियों ने ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। 

स्थानीय ओजीडब्ल्यू की मदद से महत्वपूर्ण स्थलों की रेकी करवाने के साथ ही नेटवर्क को मजबूत करने में आतंकी तंजीमें जुटी हुई हैं। कई आतंकी यहां से पकड़े भी जा चुके हैं। अभी शनिवार को ही दो आतंकियों को शहर के बाहरी इलाके में एक मॉल के पास से हथियार व विस्फोटक के साथ पकड़ा गया। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने अब जम्मू में भी दोबारा आतंकवाद को जिंदा करने की कमान स्थानीय हैंडलरों को सौंपी है।

घिर गया है पाकिस्तान
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान की बौखलाहट हो सकती है। वह अपने को घिरा हुआ महसूस कर रहा है। एक तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसे तवज्जो नहीं मिल रही है। दूसरी तरफ कश्मीर पर वह लगातार मुंह की खा रहा है। हाल ही में दो घटनाक्रम ऐसे हुए हैं जिससे उसे अपने यहां के लोगों को जवाब देना भारी पड़ रहा है। एक तो एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर न आना और अमेरिका का भारत को लगातार मदद के लिए हाथ बढ़ाना। 

दूसरा हर मंच पर कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के दो साल बाद भी 370 व 35ए पर केंद्र सरकार के रुख में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। इन दोनों कारणों से हमले का वक्त चुना गया। हालांकि, इसकी साजिश काफी पहले रची गई होगी। लगातार आतंकी टारगेट को निशाना बनाने की दिशा में काम कर रहे होंगे। वे यह भी मानते हैं कि घाटी में अलगाववाद का झंडा उठाने वाला भी नहीं मिल रहा है। पत्थरबाजी बंद हो गई है। पाकिस्तानी झंडे लहराने और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी बंद हो गई है। इन सब बातों से बौखलाहट में वह नए टारगेट की तलाश में जम्मू को निशाना बनाने की फिराक में है।

शांति प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश: रक्षा विशेषज्ञ

रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता का मानना है कि हाई सिक्योरिटी जोन में हमला चिंता का विषय है। साथ ही इसे सुरक्षा में चूक भी माना जा सकता है। चांदनी रात में ड्रोन से हमला होना चिंतनीय है। पाकिस्तान तो बौखलाया हुआ है ही। वहां भी दो धड़े हैं। एक शांति प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश करता है। अब सीजफायर समझौता तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के एक मंच पर बातचीत के लिए साथ आने से भी बौखलाहट है। शांति प्रक्रिया को रोकने की साजिश के तहत भी यह हमला हो सकता है।

Source

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *