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करिश्मा कपूर की 5 बेहतरीन फिल्में

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करिश्मा कपूर

अपने 21 साल के करियर में ( उनकी आखिरी फिल्म डेंजरस इश्क 2012 में रिलीज़ हुई थी) करिश्मा कपूर ने ज्यादातर ऐसीफिल्मों में अभिनय किया है, जिसमें उनकी कोई प्रतिभा सामने नहीं आई। परंतु इन पांच फिल्मों से यह साबित हो गया कि करीना की बड़ी दीदी अभिनय कर सकती हैं।

1. राजा हिंदुस्तानी (1996): दो अभिनेत्रियां ऐसी हैं, जिन्हें अपना स्टारडम निर्देशक धर्मेश दर्शन की फ़िल्मों का कारण प्राप्त हुआ, वे हैं शिल्पा शेट्टी और करिश्मा कपूर।  करिश्मा के बाहरी मेकअप और पहनावे ( छत्ते की तरह दिखने वाली विग सहित) को दर्शन ने पूरी तरह बदल दिया था, जिससे उनके व्यक्तित्व में पूरी तरह से बदलाव आ गया था। आरती सहगल का किरदार उत्कृष्ट किरदार था। धर्मेश ने एक बार मुझसे कहा था कि उन्होंने अपनी ‘लोलो’ को सब कुछ सिखाया कि कैसे चला जाता, कैसे किस सीन किया जाता है। यह फिल्म सूरज प्रकाश की जब जब फूल खिले की एक अनौपचारिक रीमेक थी, जिसमें करिश्मा ने नंदा की भूमिका को ‘परदेसी’ के रूप में और आमिर खान ने पर्यटक गाइड की भूमिका निभाई थी।। इस फिल्म में भारतीय सिनेमा का सबसे लंबा किस सीन फिल्माया गया था।

2. दिल तो पागल है (1997): वे सलमान खान के साथ सबसे ज्यादा पसंद की जाती थीं। उन्होंने अन्य दो खानों के साथ केवल एक ही फिल्म की। राजा हिंदुस्तानी में आमिर, और यश चोपड़ा की दिल तो पागल है में शाहरुख खान के साथ सेकंड लीड। सेकंड लीड रोल होने से उर्मिला मार्तोंडकर सहित कई अभिनेत्रियों ने इस भूमिका को ठुकरा दिया था। करिश्मा ने निशा के रूप में उत्कृष्ट अभिनय कर इसे सर्वश्रेष्ठ बनाया, जो राहुल से प्यार करती थी और वह उससे प्यार नहीं करता था।

. फ़िज़ा (2000): फ़िज़ा में एक बहन अपने आतंकवादी भाई ऋतिक रोशन की खोज करती है। यह करिश्मा के करियर की सबसे नाटकीय भूमिका थी। उन्होंने जया बच्चन की बेटी और ऋतिक के भाई की भूमिका में अपने भावपूर्ण अभिनय से जान डाल दी थी। इस फिल्म ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया। फ़िज़ा का निर्देशन खालिद मोहम्मद ने किया था, जिन्होंने फ़िल्मफ़ेयर मैगजीन का संपादन किया था।

4. जुबैदा (2001): श्याम बेनेगल, जिन्होंने पहले शबाना आज़मी, स्मिता पाटिल जैसी सशक्त अभिनेत्रियों के साथ काम किया था, ने बिगड़ैल राजकुमारी की भूमिका निभाने के लिए करिश्मा को चुना। उन्हें कभी इसका पछतावा नहीं हुआ। श्याम बेनेगल की जुबैदा में उनके अभिनय का अलग ही रूप देखने को मिला। फिल्म में करिश्मा के रोल को सभी ने प्रशंसा की। बेनेगल ने कहा, ”करिश्मा ने निर्देशक पर पूरा भरोसा किया, इसी कारण वे अपना बेहतर दे सकीं। “

5. शक्ति: द पाॅवर (2002): सैली फील्ड स्टारर नॉट विदाउट माई डॉटर से कॉपी की गई इस अति-हिंसक फिल्म में करिश्मा ने सशक्त अभिनय किया था। शक्ति में दिखाई गई असीम क्रूरता ने पूरे देश के दर्शकों को हैरान कर दिया था। देशभर में हाउसफुल बोर्ड के साथ खुलने वाली शक्ति चौथे दिन लुढ़क गई। इस का सबसे बड़ा कारण फिल्म में महिलाओं के खिलाफ अत्यधिक हिंसा दिखाया जाना था। तेलुगु मूल में, करिश्मा की भूमिका सौंदर्या ने निभाई थी (उन्होंने सूर्यवंशम में अमिताभ बच्चन के साथ अभिनय किया था)। नाना पाटेकर की अप्रिय और आक्रामक ससुर की भूमिका प्रकाश राज ने निभाई थी, जिन्होंने शक्ति में एक किराये के हत्यारे का एक छोटा सा किरदार निभाया है। शक्ति के निर्देशक कृष्ण वामसी राम गोपाल वर्मा के पूर्व सहायक रह चुके हैं।

अर्जुन कपूर ने तीन बार साबित किया कि वे अभिनय कर सकते हैं

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