डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा : अब राजधानी में बढ़ेगी जीनोम सीक्वेंसिंग, लोकनायक में बनेगी लैब

जीनोम सीक्वेंसिंग
– फोटो : पिक्साबे

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देश के कई राज्यों में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले आ चुके हैं। शुक्रवार को फरीदाबाद में भी इस स्ट्रेन का एक मरीज मिला है। वैरिएंट के एनसीआर में प्रवेश करने के बाद दिल्ली स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह सतर्क हो गया है। डेल्टा वैरिएंट के संक्रमितों की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेसिंग को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अगले माह लोकनायक अस्पताल में लैब भी शुरू हो जाएगी। 

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स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संक्रमण के नए वैरिएंट को लेकर विभाग ने पूरी तैयारी कि हुई है। अस्पतालों को आदेश दिया गया है कि वह मरीजों के नूमने नियमित तौर पर जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेजे। इसके साथ ही मौजूदा टेस्ट, ट्रेस, आइसोलेट और वैक्सीनेशन की मौजूदा नीति को और प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा।

रैंडम सैंपल भी लिए जाएंगे और उनकी भी जीनोम जांच होगी।  नए संक्रमितों की जीनोम जांच में अगर कोई नए वैरिएंट का संक्रमित मिलेगा तो उसके लिए भी पूरी तैयारी है। ऐसे संक्रमित वाले इलाके को पूरी तरह कंटेन कर दिया जाएगा। साथ ही वह रहने वाले सभी लोगों की जांच भी कि जाएगी। उस क्षेत्र में कई प्रकार की पाबंदियां भी लागू होगी। 

इससे पहले जिन राज्यों या जिलों में डेल्टा प्लस के मरीज मिलें हैं। उनको केंद्र सरकार ने दिशा-निर्देश दिए हैं, जिनमें कहा गया है कि वहां भीड़ को रोकने और लोगों के मिलने-जुलने और आवाजाही पर नियंत्रण के लिए तत्काल जरूरी उपाय किए जाएं। जिन जिलों में डेल्टा प्लस के केस मिले हैं, वहां तत्काल प्रभाव से कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। 

लोकनायक अस्पताल में जीनोम सीक्वेंसिगल लैब होगी शुरू

नए वैरिंएंट की जांच के लिए दिल्ली के लोकनायक अस्पताल और आईएलबीएस अस्पताल में जीनोम सीक्वेंसिग लैब बनाई जाएगी। लोकनायक में जुलाई के पहले सप्ताह से लैब शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इसके लिए  सिंगापुर से मशीन खरीदी गई है। अब इसे अस्पताल में स्थापित कर लैब शुरू करने की तैयारी चल रही है। लैब शुरू होने से अस्पताल में ही जीनोम सीक्वेंसिंग कर कोरोना वायरस के स्वरूप का पता लगाया जा सकेगा। 

अभी तक एनसीडीसी और पूणे भेजे जाते थे नमूने

 संक्रमित में वायरस के स्वरूप और म्यूटेशन का पता लगाने के लिए मरीजों के नमूने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की दिल्ली स्थित लैब और पुणे की लैब में भेजे जाते थे। वहां पर अध्ययन होने के बाद इनकी रिपोर्ट आने में एक सप्ताह या उससे ज्यादा का समय लगता था। लेकिन अस्पताल में  लैब शुरू होने से अब रिपोर्ट आने में कम समय लगेगा। साथ ही म्यूटेशन का पता लगने से दिल्ली में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में भी मदद मिलेगी। जीनोम सीक्वेंसिंग जांच शुरू करने वाला लोकनायक दिल्ली का पहला अस्पताल होगा। हालांकि, दिल्ली सरकार की योजना वसंत कुंज स्थित यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) में भी जीनोम सीक्वेंसिंग लैब शुरू करने भी है। 

दिल्ली में अब तक मिले कोरोना के चार वैरिएंट

राजधानी में अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजों में अल्फा वैरिएंट (यूके), बीटा वैरिएंट (दक्षिण अफ्रीका), गामा (ब्राजील) और डेल्टा वैरिएंट (भारत) की पुष्टि हो चुकी है।

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