भारत में अधिकतर लोग सोना खरीदते हैं, लेकिन उन्हें यह भी जानना चाहिए कि भारत में एक व्यक्ति वैध रूप से कितना सोना रख सकता है । अधिक सोना रखने पर आपकी आयकर विभाग द्वारा जांच की जा सकती है । इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आपको गोल्ड होल्डिंग से जुड़े कानूनों की जानकारी हो ।
आयकर विशेषज्ञों के अनुसार, अगर सोने का स्रोत वैध है और व्यक्ति की आय के स्तर के अनुसार है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 132 के अनुसार, अगर व्यक्ति के पास रखे सोने का सोर्स वैध है और उसे एक्सप्लेन किया जा सकता है, तो ऐसे में सोना रखने की मात्रा की कोई सीमा नहीं है। अगर आप ऐसा सोना खरीदते हैं, तो आपको ओरिजिनल इनवॉइस दिखा सकते हैं या अगर आपको सोना अपने परिवार से विरासत में मिला है, तो आप वसीयत या फॅमिली सेटलमेंट डील की एक प्रति प्रस्तुत कर सकते हैं। अगर आभूषण उपहार में मिले हैं, तो आप उपहार विलेख ( Gift Deed) प्रस्तुत कर सकते हैं।
सीबीडीटी द्वारा जारी स्पष्टीकरण के कर अधिकारियों को आवासीय परिसर में या बैंक लॉकर में रखे सोने के स्रोत की तलाशी लेने या सवाल करने अधिकार है। किसी भी आयकर जांच के मामले में कर अधिकारी आभूषण या सोने को जब्त कर सकते हैं, यदि यह पाया जाता है कि सोने की होल्डिंग असेसी के पिछले आयकर रिटर्न में बताये गए आय स्तर के अनुरूप नहीं हो।
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने इस संदर्भ में स्पष्ट किया है कि एक सीमा से नीचे आभूषण जब्त नहीं किए जाएंगे, भले ही प्रथम दृष्टया, यह असेसी के आय रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता हो। यह सीमा निम्न है- विवाहित महिला के लिए 500 ग्राम, अविवाहित महिला के लिए 250 ग्राम और पुरुष सदस्य के लिए 100 ग्राम ।
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