कॉंग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने आज भारत में कोरोना की स्थिति पर व्हाइट पेपर जारी किया और दावा किया कि भारत में कोरोना से जितने लोगों की मौत हुई है उनमें से 90% लोगों की जान बचाई जा सकती थी। राहुल गांधी के अनुसार कोरोना से हुई मौतों के पीछे सबसे बड़ा कारण ऑक्सीजन की कमी थी। जबकि देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।
राहुल गांधी ने व्हाइट पेपर जारी करते हुए कहा, “ व्हाइट पेपर में हमने चार मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया है। पहला बिंदु कोरोना के तीसरी लहर की तैयारी है। दूसरा बिंदु यह है कि गरीबों, छोटे व्यापारियों को आर्थिक मदद की जाए। तीसरा बिंदु यह है कि कोविड मुआवजा कोष बने, ताकि पीड़ितों की सहायता की जा सके। चौथा बिंदु कोरोना की पहली और दूसरी लहर की गलतियों के कारणों का पता लगाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे यह गलतियां नहीं होने दी जाए।”
अपने व्हाइट पेपर में राहुल गांधी ने सरकार से मांग की कि ऑक्सीजन और दवा की जिस तरह की किल्लत अब तक रही है, वो आगे नहीं होनी चाहिए। तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार को ऑक्सीजन बेड और दवाओं समेत दूसरी जरूरतों को पूरा करके रखना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने तीव्र गति से टीकाकरण पर भी जोर देना चाहिए।
राहुल गांधी ने आगे प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, “प्रधानमंत्री के आंसुओं ने लोगों की जान नहीं बचाई लेकिन ऑक्सीजन से यह संभव हो सकता था। कोरोना की पहली और दूसरी लहर का प्रबंधन विनाशकारी था, और हमने इसके पीछे के कारणों को इंगित करने की कोशिश की है। मैं यहां तक कह सकता हूं कि कोविड-19 की तीसरी लहर के बाद भी लहरें आनी संभव हो सकती हैं क्योंकि वायरस लगातार उत्पन्न होते रहते हैं।”
अपने व्हाइट पेपर जारी करने के उद्देश्यों को बताते हुए राहुल गांधी ने कहा, “कोविड-19 पर आज जारी इस श्वेत पत्र का उद्देश्य सरकार पर उंगली उठाना नहीं है, बल्कि राष्ट्र को तैयार करने में मदद करना है। संक्रमण की तीसरी लहर के बारे में पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आएगी।”
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने पूर्व में ही घोषित कर दिया था कि वे कोरोना के समाधान के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए एक व्हाइट पेपर जारी करेंगे। राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों और उठाए गए मुद्दों पर भाजपा नेताओं का रिप्लाई आनी बाकी है।
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