विगत दिनों चर्चा में रहे पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय मुसीबत में फंसते दिखाई दे रहे हैं। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को सूचित किया है कि केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय सेवा नियमों के तहत उनके खिलाफ बड़े जुर्माने की कार्यवाही करने का प्रस्ताव रखा है। अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ यह कार्रवाई अखिल भारतीय सेवा के अनुशासन भंग करने के लिए की जा जाएगी।
ज्ञात हो कि अलपन बंदोपाध्याय और केंद्र सरकार के बीच तकरार की शुरुआत तब हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवाती तूफान ‘यास’ से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल दौरे पर गए थे और एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो अपने राजनीतिक कारणों से विलंब उपस्थिति दर्ज कारवाई ही, मगर मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने भी ममता बनर्जी का साथ देते हुए मीटिंग में लेट से पहुंचे।
बता दें कि अलपन पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव होने के साथ एक आईएएस अफसर भी हैं, इसलिए उनकी इस अनुशासन हीनता के लिए केंद्र सरकार जवाब तलब किया और अलपन बंदोपाध्याय के इस व्यवहार को ‘कदाचार या दुर्व्यवहार’ के रूप लेते हुए अपना जवाब 30 दिन में दाखिल करने और साथ ही अपनी सेवाएं “नॉर्थ ब्लॉक” में कार्यभार संभालने को कहा। अलपन बंदोपाध्याय ने जवाब देने और दिल्ली में जॉइनिंग करने के बजाय अपना त्यागपत्र भेज दिया। अलपन के इस व्यवहार को अनुशासन हीनता मानते हुए केंद्र सरकार ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को अलपन के खिलाफ बड़े जुर्माने की कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
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