राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया के पास ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी द्वारा दायर मामले को चुनौती देने के लिए अभी भी जुलाई मध्य तक का समय है। यह जानकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दी। केयर्न एनर्जी ने अमेरिका की संघीय अदालत में मुकदमा दायर कर एयरलाइन को यह निर्देश देने की अपील की है कि वह भारत सरकार के खिलाफ जीते गए आर्बिट्रेशन मामले में 1.26 अरब डॉलर का भुगतान करे ।
मे’ 21 में केयर्न ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के दक्षिणी जिले के जिला न्यायालय में मुकदमा दायर कर मांग की है कि केयर्न एनर्जी की 1.2 अरब डॉलर अवार्ड की वसूली एयर इंडिया की संपत्ति से की जाए । केयर्न एनर्जी ने दायर किये गए मामले में कहा है कि एयर इंडिया पर भारत सरकार का नियंत्रण है। ऐसे में अदालत के आर्बिट्रेशन के फैसले को पूरा करने का दायित्व एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया पर डालना चाहिए ।
तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय आर्ब्रिट्रेशन ने दिसंबर में एकमत से केयर्न पर पिछली तारीख से लगाए गए करों को खारिज कर दिया था और सरकार को कंपनी के बेचे गए शेयर, जब्त लाभांश और कर रिफंड को वापस करने को कहा था। इस न्यायाधिकरण में भारत की ओर नियुक्त जज भी शामिल थे।
केयर्न ने कहा है कि वह इस फैसले के तहत एयर इंडिया जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से वसूली करेगी। वहीं सरकार ने कहा है कि वह इस तरह के किसी भी कदम का विरोध करेगी। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि एयर इंडिया के पास केयर्न के मुकदमे को चुनौती देने के लिए जुलाई’ 21 मध्य तक का समय है।
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