आज के समय में हर व्यक्ति किसी न किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या से गुजर रहा है। अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से ग्रस्त नहीं है तो उसे मानसिक पीड़ा परेशान करती है। ऐसे में एक बेहतर, खुशहाल व स्वस्थ जीवन जीना मात्र एक कल्पना बनकर रह गया है। लेकिन अगर आप अपनी कल्पना को वास्तव में सच करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों पर गौर करना होगा। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
कहते हैं जैसी संगत, वैसी रंगत। अर्थात व्यक्ति जिस तरह के लोगों के बीच रहता है, वह भी स्वयं वैसा ही हो जाता है। स्वस्थ रहने के लिए एकमात्र कुंजी है भीतर से खुशी का अहसास करना। जब आपका मन स्वस्थ होगा तो तन में भी बीमारियां नहीं फटकेंगी। इसलिए आप ऐसे लोगों से जुड़ने का प्रयास करें जो जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण से सोचते हों। इससे आपको यह फायदा होगा कि आपको अपनी किसी भी समस्या के सवाल के जवाब के रूप में सकारात्मक उत्तर ही मिलेगा। साथ ही, जब आप सकारात्मक लोगों से मिलेंगे उसने बात करेंगे तो आपकी नकारात्मकता दूर हो जाएगी।
सकारात्मक सोच और अच्छी सेहत के के लिए जरूरी है आपका चित्त शांत हो। दिमाग को शांत और तनाव मुक्त रखने के लिए जरूरी है कि आप मेडिटेशन करें। मेडिटेशन न सिर्फ आपके मन को शांत करता है, बल्कि इससे आपकी एकाग्रता और याददाश्त बढ़ती है। इतना ही नहीं, व्यक्ति किसी भी परिस्थिति मंे खुद पर नियंत्रण रखने में सफल हो पाता है।
जीवन में हंसी का एक अहम महत्व है। इसलिए जब भी मौका मिले हंसे और औरो को भी हंसाए। अध्ययन से पता चला है की मुस्कराने से आधे से अधिक दुख दूर हो जाते है। मुस्कुराने से नकारात्मकता दूर होती है और साथ ही जीवन में सकारात्मकता आती है।
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