
सार
ब्रिटिश साइंस जनरल लैंसेट के विशेषज्ञों ने एक बार फिर कोरोना से निपटने के लिए भारत सरकार को कुछ सुझाव भेजे हैं। ब्रिटिश मेडिकल पत्रिका ‘लैंसेट’ ने भारत को 8 सुझाव देते हुए तत्काल एक्शन लेने का जिक्र किया है। इसमें कोरोना पर पारदर्शी राष्ट्रीय मूल्य नीति बनाने की बात का उल्लेख है।
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बता दें कि लैंसेट सिटीजन पैनल में दुनिया भर के 21 विशेषज्ञ शामिल हैं। इनमें बायोकॉन की किरण मजूमदार वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के प्रो. गगनदीप कांग, नारायण हृदयालय बेंगलुरु के प्रमुख देवी शेट्टी, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के तरुण खन्ना और प्रो. विक्रम पटेल भी हैं। पिछले साल दिसंबर में लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली साउथ एशिया इंस्टीट्यूट और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की अगुवाई में यह पैनल गठित हुआ था। आइए जानते हैं पैनल के 8 सुझाव क्या-क्या है।
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1.आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के संगठन का विकेंद्रीकरण करने पर जोर दिया गया है। दरअसल, अलग-अलग ज़िलों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अलग-अलग है, साथ ही सभी ज़िलों में स्वास्थ्य सेवाएं भी अलग-अलग है। ऐसे विकेंद्रीकरण के जरिए सेवाएं ठीक होंगी।
2. पारदर्शी राष्ट्रीय मूल्य नीति बनाने का भी जिक्र किया गया है। इसके तहत मेडिकल सेवाओं से जुड़ी सभी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं जैसे कि एम्बुलेंस, ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं और अस्पताल देखभाल की कीमतों की सीमाएं तय होनी चाहिए। अस्पताल में इलाज के दौरान कैश की जरूरत नहीं पड़े । सभी लोगों के लिए मौजूदा स्वास्थ्य बीमा योजनाओं द्वारा लागत को कवर किया जाना चाहिए, जैसा कि कुछ राज्यों में किया गया है।
3.कोरोना प्रबंधन पर साफ, साक्ष्य आधारित जानकारी को अधिक व्यापक रूप से प्रसारित और कार्यान्वित किया जाना चाहिए। इस जानकारी में स्थानीय परिस्थितियों और नैदानिक अभ्यास को शामिल करने वाली स्थानीय भाषाओं में होम केयर और इलाज, प्राथमिक देखभाल और जिला अस्पताल के लिए उपयुक्त रूप से अनुकूलित अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देश शामिल होने चाहिए।
4.निजी क्षेत्र समेत स्वास्थ्य प्रणाली के सभी क्षेत्रों में मौजूद मानव संसाधनों को COVID-19 से निपटने के लिए दुरुस्त किया जाना चाहिए। पर्याप्त रूप से संसाधन, विशेष रूप से पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण। बीमा और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के उपयोग पर मार्गदर्शन के साथ इन्हें ठीक किया जाना चाहिए।
6. जमीनी स्तर पर सिविल सोसाइटी की ऐतिहासिक रूप से हेल्थ केयर और अन्य विकास गतिविधियों में लोगों की भागीदारी में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जैसे मुंबई में COVID-19 से निपटने में देखने को मिली है
7. आने वाले हफ्तों में संभावित कोरोना मामलों के लिए जिलों को सक्रिय रूप से तैयार करने के लिए सरकारी डेटा संग्रह और इसके मॉडल में पारदर्शिता होनी चाहिए।
8. कोरोना के चलते बड़ी संख्या में मजदूर और कम आय वाले वर्ग के लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है। ऐसे में सरकार ऐसे लोगों के अकाउंट में नकद पैसे ट्रांसफर करने की व्यवस्था करें। चाहे अनुबंध की स्थिति कुछ भी हो, सरकार को इन कंपनियों को पैसे देने की आवश्यकता है।