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मॉल डेवलपर किराया छोडऩे पर कर रहे है विचार

बड़े मॉल जैसे के रहेजा, इनऑर्बिट मॉल्स, डीएलएफ, लेक शोर डेवलपर महामारी की दूसरी लहर के लॉकडाउन में रिटेल दुकानों का किराया पूरी तरह माफ करने के बारे में विचार कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के विकराल रूप लेने के बाद इस अप्रैल से देश के ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन लगाया है ।

इनऑर्बिट मॉल्स के मुख्य कार्याधिकारी रजनीश महाजन ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से इस पर विचार कर रहे हैं। रिटेल विक्रेताओं के पास पैसा नहीं है। वे कैसे चुकाएंगे? हमें उनकी मदद करनी होगी।’ इनऑर्बिट मॉल्स मुंबई, नवी मुंबई आदि जगहों पर मॉल चलाती है । उसने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी खुदरा विक्रेताओं का किराया माफ किया था ।

देश की सबसे डेवलपर डीएलएफ का भी ऐसा ही सोच रहे है। डीएलएफ के प्रबंध निदेशक (रिटेल बिज़नेस) श्रीराम खट्टर ने कहा, ‘हम किराया माफ करने के बारे में विचार कर रहे हैं। हम कोई फैसला 10 से 15 दिन में लेंगे।’ पिछले साल डीएलएफ ने कोविड-19 की पहली लहर के दौरान किराया माफ किया था। सूत्रों ने कहा कि अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी समर्थित लेक शोर इंडिया एडवाइजरी भी इस संबंध में सक्रियता से विचार कर रही है ।

हालांकि कुछ मॉल डेवलपर इस बारे में विचार करने से पहले इंतजार कर रहे हैं। प्रोजोन मॉल्स के सीईओ बिपिन गुरनानी ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि स्थितियां कैसी रहती हैं क्योंकि लॉकडाउन के बाद बिक्री पिछले साल लॉकडाउन हटाने के बाद की तुलना में बेहतर है। अगर खुदरा विक्रेताओं का कारोबार अच्छा रहेगा तो किराया माफ करने का फैसला नहीं लेंगे।’ देश के सबसे बड़े मॉल डेवलपर में से एक फीनिक्स मिल्स ने कभी कोई फैसला नहीं लिया है ।

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