भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में COVAXIN में नवजात बछड़ों के सीरम होने के दावों का खंडन किया है। अपने खंडन में सरकार ने COVAXIN वैक्सीन बनने की पूरी प्रक्रिया को बताते हुए लोगों के संदेहों को दूर करने का प्रयास किया है।
भारत सरकार के स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने अपने वक्तव्य में कहा है कि COVAXIN की संरचना के संबंध में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट हैं जहां यह बताया गया है कि COVAXIN में नवजात बछड़ा सीरम होता है। इन मीडिया पोस्ट्स में COVAXIN के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
सरकार ने अपनी बात को पुख्ता करने के उद्देश्य से COVAXIN बनने की पूरी प्रक्रिया को बताते हुए कहा कि नवजात बछड़ा सीरम का उपयोग केवल वेरो कोशिकाओं की तैयारी के लिए किया जाता है। आगे वायरल वृद्धि की प्रक्रिया में वेरो कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं और विकसित विषाणु भी मर जाते हैं और यह पूर्णतः शुद्ध हो जाता है।
भारत सरकार के स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने अपने वक्तव्य के अंत में कहा कि वैक्सीन बनाने के अंतिम प्रक्रिया में पूर्ण रूप से शुद्ध उत्पाद का ही उपयोग किया जाता है। इस तरह से अंतिम टीका तैयार करने में कोई बछड़ा सीरम नहीं होता है। इस तरह अंतिम टीका (COVAXIN) में नवजात बछड़ा सीरम बिल्कुल भी शेष नहीं रहता है और नवजात बछड़ों का सीरम टीका उत्पाद का एक घटक नहीं होता है।
उम्मीद है कि सरकार द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के बाद लोगों के मन में COVAXIN के प्रति उठ रहे संदेहों को दूर किया जा सकेगा।