भारत सरकार ने आज कोविड19 के वैक्सीनेशन के बीच गैप को बढ़ाने के कारणों के बारे में विस्तृत चर्चा की। भारत सरकार के तरफ से टीकाकरण के बारे में जानकारी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) डॉ एनके अरोड़ा ने दी।
भारत सरकार के तरफ से वैक्सीनेशन के गैप को बढ़ाने के बारे में कारण बताते हुए डॉ. एनके अरोरा ने कहा, “दो COVISHIELD वैक्सीन के खुराक देने के बीच के अंतर को 4-6 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का निर्णय एडीनोवेक्टर टीकों के व्यवहार के संबंध में मौलिक वैज्ञानिक कारणों से लिया गया।”
ज्ञात हो कि विगत 13 मई को भारत सरकार ने कोविड19 वैक्सीनेशन के गैप को 4 हफ्तों से बढ़ा कर 12 से 16 सप्ताह कर दिया था। भारत सरकार के इस निर्णय पर बहुत प्रश्न उठाया गया था, बहुत से व्यंग्य कसे गए थे। इन्ही सभी आलोचनाओं का जवाब देने के उद्देश्य से आज भारत सरकार ने वैक्सीनेशन गैप के बारे में पूरी जानकारी शेयर की।
भारत सरकार के तरफ से बोलते हुए डॉ. एनके अरोरा ने कहा, “अप्रैल, 2021 के अंतिम सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग की यूनाइटेड किंगडम की कार्यकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा जारी किए गए डेटा में दिखाया कि 12 सप्ताह के अंतराल पर टीके की प्रभावकारिता 65% – 88% के बीच भिन्न होती है। कोरोना से लड़ने में और वैक्सीनेशन के प्रभाव को बढ़ाने मे ब्रिटेन इसमें सफल रहा, क्योंकि उन्होंने 12 सप्ताह का अंतराल रखा था। हमने सोचा कि यह एक अच्छा विचार है क्योंकि वैज्ञानिक कारण हैं कि जब अंतराल बढ़ाया जाता है, तो एडिनोवेक्टर टीके बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं”
दो वैक्सीन बीच के गैप को 12 से लेकर 16 हफ्तों का अंतराल रखने के पीछे के कारणों पर डॉ. एनके अरोरा ने कहा, “वैक्सीन के अंतराल को बढ़ाकर 12 – 16 सप्ताह करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि यह समुदाय को लचीलापन देता है, क्योंकि हर कोई ठीक 12 सप्ताह में नहीं आ सकता है” उम्मीद है कि भारत सरकार द्वारा बताए गए कारणों के बाद आलोचकों को संतुष्टि मिल जाए।
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