एक ब्लैंक चेक होता है और दूसरा क्रॉस चेक होता है। लाइनों वाले चेक आज तक सबसे सुरक्षित माने जाते थे क्योंकि उन्हें केवल ग्राहक के खाते में ही क्रेडिट किया जाता था। हालांकि,नालासोपारा पूर्व रश्मि स्टारसिटी निवासी बीटेक छात्र पीयूष शर्मा (32) ने अलग-अलग बैंक से चेक क्लियर कर लाखों रुपये का धोखाधड़ी कर रहा था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा विरार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने जांच की और शर्मा को नालासोपारा अचोले से गिरफ्तार कर लिया।
यह थी प्रक्रिया :
इसके बाद वह बैंक जाता और बैलेंस नहीं होने के आधार पर दोबारा चेक मांगता। वह बैंक को समझाने के लिए फर्जी आधार कार्ड दिखाता था। इसलिए बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि चेक संबंधित ग्राहक का है और चेक उसे वापस कर दिया जाएगा। वह चेक लेता और उसे गीले रबड़ से पोंछकर बैंक की दूसरी शाखा में चला जाता। इसी प्रकार, उन्होंने ड्रॉप बॉक्स से 70 चेक जब्त किए और उनमें से 25 को नकद कर दिया गया, विरार पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक प्रफुल वाघ ने कहा कि अब तक की जांच में 5 लाख रुपये से ज्यादा का धोखाधड़ी किया है।
बतादे कि शर्मा बैंक जाते समय मुँह पर मास्क और टोपी पहनता था। इसलिए सीसीटीवी में उसका चेहरा नहीं दिख रहा था। लेकिन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुरेश वराडे, प्रपुल वाघ, अभिजीत टेलर, संदेश राणे और अन्य की एक टीम ने कुशलता से जांच करने पर ऐसे में अपराधि एक संदिग्ध मिला। लेकिन पुलिस को चकमा देने के बाद चला गया।इसके बाद पुलिस टीम ने आरोपी को घटनास्थल पर उसके मोबाइल का टावर लोकेशन मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर 5 दिन की पुलिस कस्टडी में बताया कि विरार,अर्नाला,मानिकपुर,नवघर,में 7 गुन्हा का खुलासा किया।
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