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गोल्ड हॉलमार्किंग आज से अनिवार्य

गोल्ड हॉलमार्किंग आज (15 जून) से अनिवार्य हो गया है, इसके बाद केवल 14, 18 और 22 कैरेट की गोल्ड ज्वैलरी ही बिकेगी । देश में 15 जून, 2021 से केवल हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वैलरी (gold jewellery) ही बिकेगी। केंद्र सरकार ने आज साफ कर दिया कि 15 जून से गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) को अनिवार्य कर दिया जाएगा। अभी तक यह स्वैच्छिक यानी वॉलेंटरी था, लेकिन अब इसे मैंडेटरी कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि हॉलमार्क सोने की शुद्धता का प्रतीक होता है।

हॉलमार्क गोल्ड क्या है?

सोने की शुद्धता और सुंदरता को प्रमाणित करने की प्रक्रिया को हॉलमार्किंग (Hallmarking) कहा जाता है। भारतीय मानक ब्यूरो, भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है,  BIS अधिनियम के तहत सोने के साथ ही साथ चांदी के आभूषणो की भी हॉलमार्किंग आवश्यक है। BIS हॉलमार्क यह प्रमाणित करता है कि  आभूषण या सोने का बार मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। हॉलमार्किंग से उपभोक्ताओं को सोने की प्रामाणिकता और शुद्धता के बारे में आश्वासन मिलता है। इसका मतलब है, यदि आप हॉलमार्क  18K सोने के आभूषण खरीद रहे हैं, तो इसका वास्तव में मतलब होगा कि 18/24 भाग सोने के हैं और बाकी मिश्र धातु है।

अब  सोने के आभूषण बेचने के लिए देश भर में हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। इससे सोने की खरीदारी सुरक्षित होगी और ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा। लेकिन इसके साथ ही साथ इस व्यवस्था को सफल बनाने के लिए ग्राहकों की जागरूकता भी ज़रूरी है। यह जांचने के लिए कि आपके द्वारा खरीदा गया सोना हॉलमार्क गोल्ड (Hallmark Gold) है या नहीं, किसी को निम्नलिखित 5 हॉलमार्क संकेतों या प्रतीकों को देखने की आवश्यकता होगी:
BIS हॉलमार्क:  यह प्रमाणित करता है कि इस सोने की शुद्धता उनके लाइसेंस प्राप्त लैब में से किसी एक में  टेस्टेड है ।

कैरेट और सुंदरता में शुद्धता (दिए गए कैरेट केट के अनुसार):

22K916 (91.6% शुद्धता)

18K750 (75% शुद्धता)

14K585 (58.5% शुद्धता)

हॉलमार्किंग सेंटर का निशान

ज्वेलर का निशान

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