बता दें कि प्रदेश की 75 जिला पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव ग्रामीण राजनीति का रुख निर्धारित करने वाला माना जाता है। इसलिए सभी प्रमुख दल इसको गंभीरता से लेते हैं। सदस्यों के वोटों से होने वाले इन चुनावों में वर्चस्व बनाने के लिए सत्तापक्ष की ओर से पूरी ताकत लगाई जाती है, वहीं मुख्य मुकाबले में आने की होड़ विपक्षी दलों में भी होती है।अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी करते हुए उन्होंने कहा, ‘जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा।’
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणामों की घोषणा बीती पांच मई को हो गई थी, लेकिन बड़ी संख्या में पद रिक्त होने के कारण गत 12 जून को उपचुनाव कराए गए। इसमें सात पद जिला पंचायत सदस्यों के भी थे। प्रदेश की 75 जिला पंचायतों में सभी सदस्य पदों पर निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पंचायतों के रिक्त पदों पर सोमवार को वोटों की गिनती पूरी होने के तुरंत बाद सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके बाद क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष चुनाव कराए जाएंगे।