अफगानिस्तान : अमेरिकी सैन्य वापसी से कश्मीर में बढ़ सकती हैं आतंकी हरकतें

सार

फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज (एफडीडी) के मुताबिक, पाकिस्तान का आतंकवाद को प्रायोजित करना उसकी विदेश नीति का एक हिस्सा है और यह नीति तालिबान के जिहादी गुटों को प्रोत्साहित करती हैं।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी..
– फोटो : social media

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विस्तार

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियां बढ़ने की आशंका है। सीएनएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लोकतंत्र रक्षा के लिए बने फाउंडेशन ‘एफडीडी’ के वरिष्ठ फेलो और लॉन्ग वॉर जर्नल के संपादक बिल रोगियो ने कहा है कि अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद बढ़ने की संभावना है। 

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इस मामले पर नजर रखने वाले पर्यवेक्षकों को आशंका है कि अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में 20 साल के युद्ध से खुद को अलग कर लेने के बाद कश्मीर में संघर्ष के हालात और खराब हो सकते हैं।

हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि अमेरिका सिर्फ अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है, देश में अपनी मौजूदगी खत्म नहीं करेगा। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तानी विदेश नीति की शह पाकर ये आतंकी गुट अफगानिस्तान का साथ देने वाले देशों के खिलाफ अपनी गतिविधियां बढ़ा सकते हैं।

पाकिस्तान पर आरोप लगाता रहा है भारत

भारत ने अपने पड़ोसी पर आतंकियों को खुली छूट देने का आरोप लगाते हुए दोनों देशों के बीच जारी लंबे संघर्ष के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। अगस्त 2019 में दोनों देशों के बीच तनाव एक नए सिरे से बढ़ गया जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया। इस कदम ने पाकिस्तान को नाराज कर दिया, जो अपनी विदेश नीति में कश्मीर को सबसे अहम मुद्दे के रूप में देखता है।

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