भारत कृषि से लेकर खगोल विज्ञान, आपदा प्रबंधन से लेकर रक्षा प्रौद्योगिकी, वैक्सीन से लेकर वर्चुअल वास्तविकता तक, भारत हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनने की आकांक्षा रखता है। ये बातें प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कही।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने ये बैठक वर्चुअली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अटेंड की। प्रधानमंत्री ने इस बैठक की अध्यक्षता भी की। सीएसआईआर की इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के साथ कई वैज्ञानिक और कई वरिष्ठ गणमान्य जन भी शामिल हुए।
सीएसआईआर के इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट के कारण हमारी रफ्तार भले ही धीमी हुई है मगर हमारा संकल्प अभी भी काफी ऊंचा है। हम आत्मनिर्भर और सशक्त भारत के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं। आगे बोलते हुए प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष विज्ञान, सस्टेनेबल एनर्जी और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम विश्व के लिए इंजन का कार्य कर रहे हैं।
सीएसआईआर के उपलब्धियों के संदर्भ में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस संस्था ने हमें शांतिस्वरूप भटनागर जैसे वैज्ञानिक दिए हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी देश में विज्ञान और तकनीक उतनी ही ऊंचाइयों को छूता है, जितना बेहतर उसका इंडस्ट्री और मार्केट से संबंध होता है। हमारे देश में सीएसआईआर विज्ञान, सोसाइटी और इंडस्ट्री की इसी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक व्यवस्थापक का कार्य कर रहा है।
कोरोना से लड़ने में वैज्ञानिकों के योगदान पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम पर कोरोना रूपी संकट आया तो हमारे वैज्ञानिकों ने दिन और रात एक करके काम किया और हमारे लिए रास्ता बनाया। उन्होंने उन वैज्ञानिकों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने एक साल के अंदर कोरोना किट बना कर कीर्तिमान बनाया।
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