न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: दीप्ति मिश्रा
Updated Tue, 01 Jun 2021 07:47 AM IST
सार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच तनातनी इन दिनों जोरों पर है। बंगाल के मुख्य सचिव रहे अलापन बंदोपाध्याय को लेकर जारी डेप्युटेशन ऑर्डर के खिलाफ बनर्जी अपनी नाराजगी जाहिर कर रही थीं।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
– फोटो : एएनआई
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विस्तार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों से एकजुट होकर निरंकुश सरकार के विरोध में आवाज उठाने की अपील की। ममता ने मुख्यमंत्रियों को 70 के दशक की मशहूर फिल्म शोले के डॉयलॉग के जरिए समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जो डरते हैं, वो मरते हैं। उन्होंने राज्य के मुखियाओं से बगैर डरे ‘निरंकुश सरकार’ के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार एक दिन पछताएगी। उन्होंने कहा, ”हम उनकी धमकियों से डरते नहीं है। बंगाल ने कभी भी हारना नहीं सीखा। हम हमेशा अपना सिर उठाकर चलते हैं और आगे भी चलते रहेंगे।”
ममता बोलीं- केंद्र और राज्य के बीच होती है लक्ष्मण रेखा
ममता ने कहा, ”मेरा मानना है कि विपक्ष के मुख्यमंत्रियों को साथ आकर अपनी आवाज उठानी चाहिए। सभी राज्य उनकी बात नहीं मानेंगे। केंद्र और राज्यों के बीच हमेशा एक लक्ष्मण रेखा होती है। जवाहरलाल नेहरू और बीआर आंबेडकर ने इस बात पर जोर दिया है। यह सरकारिया कमीशन में भी शामिल है और बात में इसे सुप्रीम कोर्ट का भी समर्थन मिला था।”