न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई
Published by: दीप्ति मिश्रा
Updated Sun, 23 May 2021 07:29 AM IST
सार
दलित का कहना है कि गोनीबीड़ू पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर ने उसे थाने के अंदर पहले जमकर पीटा और पूछताछ के दौरान पानी मांगने पर उसे जबरन पेशाब पिलाई।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
गोनीबीड़ू पुलिस थाना क्षेत्र के दलित व्यक्ति पुनीत ने दारोगा पर आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे 10 मई को केवल ग्रामीणों की मौखिक शिकायतों के आधार पर हिरासत में लिया था। उस पर आरोप लगाया गया कि वह एक महिला से बात कर रहा था और इससे गांव वाले नाराज हो गए। पुनीत ने कहा,”मुझे थाने ले जाया गया और वहां पीटा गया और मेरे हाथ-पैर बांध दिए गए। मैं प्यासा था, पानी मांग रहा था, प्यास से मरने जैसी हालत हो गई, लेकिन उन्होंने (पुलिसकर्मी) चेतन नाम के एक दूसरे आरोपी को मुझ पर पेशाब करने के लिए बुला लिया।”
Karnataka | A Dalit man has lodged complaint & written to DGP, alleging that he was forced to drink urine while he was in custody, on May 10, at Gonibeedu PS in Chikkamagaluru
Case registered against the sub-inspector & departmental inquiry to be held: Chikkamagaluru SP (22.05)
— ANI (@ANI) May 23, 2021
पुनीत ने कहा कि गांव वालों से बचाने के लिए मैंने ही पुलिस को बुलाया था, लेकिन पुलिस ने मुझे ही हिरासत में ले लिया और थाने लाकर मेरे साथ बदसलूकी थी। व्यक्ति ने आगे कहा कि उन्होंने मुझे छोड़ने के बदले जबरन पेशाब पिलाया, उसके बाद ही मुझे बाहर आने दिया। व्यक्ति ने कहा कि पुलिस ने मुझे पीटते हुए मेरे दलित समुदाय को गाली भी दी।
पुनीत ने अब राज्य के गृह मंत्री, पुलिस प्रमुख डीजीपी प्रवीण सूद और मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर इस तरह के अमानवीय कृत्य पर न्याय की मांग की है। डीजीपी ने इन आरोपों पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। एसपी ने कहा कि सब इंस्पेक्टर को अभी दूसरे थाने में ट्रांसफर किया गया है और जांच की जा रही है।