जहां एक ओर कोरोना की दूसरी लहर अब भी पूरे देश में कहर बरपा रही है। वहीं इसका सामना करने के लिए सरकार, फ्रंटलाइन वर्कर समेत आम लोग मदद के लिए लगातार आगे आ रहे हैं। इनके अलावा कोरोना की इस लहर का सामना करने और उससे निपटने में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वेब पोर्टल, स्टार्टअप और एप्स की भी अहम भूमिका सामने आई है। जहां तक सरकार और प्रशासन नहीं पहुंच पाई, इनके जरिये सैकड़ों-हज़ारों को मदद मिली है। आइए जानते हैं, ऐसे माध्यमों के बारे में जो हर संभव तरीके से लोगों की मदद कर रहे हैं।
क्रिएटर- मो. आमानउल्लाह एंड टीम
पेज व्यू – 7600
मो.आमान बताते हैं कि इस वेब पोर्टल के जरिये लोगों को ऑक्सीजन, खाना, डॉक्टर, दवाइयां, एंबुलेंस सर्विस आदि से जुड़ी सारी जानकारी ज़िले के अनुसार मौजूद हैं। इससे आप बिना समय गवाएं मदद ले सकते हैं और इस पोर्टल पर ऑटोमिटेक अपडेट के साथ सभी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की जाती हैं। इसकी टीम हर जानकारी को ग्राउंड लेवल पर स्वयं चेक करके पोर्टल पर अपडेट करती है।
क्रिएटर- शशांक दुबे,
पेज व्यू- 8.5 लाख(अब तक)
शशांक बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के आने के बाद उन्होंने 25 अप्रैल को इस वेब पोर्टल को लॉन्च किया था। इसका मकसद कोविड की भयावहता के समय ज़रूरतमंदों की समय पर मदद करना है, क्योंकि एक साथ कई लोग इस बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। इनके साथ पार्टनर के तौर पर वायमेडवाय(ऑनलाइन मेडिशीन डिलिवरी पटना और आस-पास), जोनल स्टोरीज और सबल एनजीओ जुड़े हुए हैं। वट्सएप्प पर 38 ज़िलों का एक ग्रुप है, जिसमें हर ज़िले से 10 वॉलेंटियर जुड़े हुए हैं। हेल्प डेस्क की मदद से पोर्टल पर ऑथेटिंक डिटेल(अधिकृत जानकरियां) ही शेयर की जाती हैं, अब तक इससे 600 लोगों को मदद मिल चुकी है।
क्रिएटर- आराध्या राय, प्रतीक रॉय, सौनिक सौरभ और सन्नी सिंह
पेज व्यू- 38,000
प्रतीक बताते हैं कि आराध्या को इस वेब पोर्टल का आइडिया 12 अप्रैल को आया था और फिर हमने टीम के तौर पर इस पर काम करना शुरू किया। इस वेब पोर्टल को 26 अप्रैल को लॉन्च किया गया था। वे बताते हैं कि इस वेबसाइट के जरिये बिहार के 38 ज़िलों का एक डाटाबेस तैयार किया गया है, जिसमें हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन, एंबुलेंस, ब्लड, खाना, अंतिम संस्कार आदि शामिल हैं। पूरे बिहार में 25 से ज़्यादा वॉलेंटियर काम कर रहे हैं। इस पोर्टल पर कोविड से जुडी सारी जानकारियों को टीम के द्वारा स्वयं चेक करके अपडेट किया जाता है।
क्रिएटर- सन्नी सिंह राठौड़
15,00-2,000 लोगों को मिल चुकी है मदद
बीइंग हेल्पर के फाउंडर सन्नी बताते हैं कि वे पिछले साल से ही कोविड के ज़रूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर घर-घर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। विभिन्न क्लब्स, संस्थाओं और टीम के सदस्यों की मदद से इनके पास 54 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। इस समय टीम के 90 लोग ज़रूरतमंदों तक सामान पहुंचाने में अपना योगदान दे रहे हैं और टीम के द्वारा पिछले एक महीने में 311 लोगों के घर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया गया है। इसके अलावा कोरोना मरीज़ों को दो समय का खाना और पिछले चार दिनों से 100 रिक्शेवावालों को रोजाना राशन दिया जा रहा है।
क्रिएटर- अनामिका सिंह, शाश्वत निलय, आयुष चंद्रा, राजन मधुकर, विभू रंजन, अश्वनी उत्तम और हर्षित पटेल
अनामिका बताती हैं कि 23 अप्रैल को उन्होंने इस पेज को पब्लिक किया था। हम सभी स्कूल फ्रेंड्स हैं और संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद कर अपना योगदान दे रहे हैं। हम सभी मूल रूप से जमुई के रहने वाले हैं। टीम के सदस्य ट्विटर हैंडल से कोविड से सम्बन्धित ज़रूरी लीड निकालते हैं और फिर उन्हें चेक कर के अपने पेज पर शेयर करते हैं। हम इस समय ज़रूतमंदों से संपर्क कर उनकी मदद कर रहे हैं। ट्विटर पर उनके पेज पर 5240 लोगों ने विजिट किया है, जबकि फेसबुक पेज के जरिये 600 से ज़्यादा लोगों को मदद मिली है।
क्रिएटर- डॉ शंभू कुमार सिंह
डॉ शंभू बताते हैं कि इस पेज को क्रिएट करने का मकसद था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई ज़रूरतमंद अपने परेशानियों के साथ लोगों से मदद मांग रहे थे। उस वक्त एक ऐसे प्लेटफॉर्म की ज़रूरत थी, जहां कोविड के किसी केस से सम्बन्धित ज़रूरी मैसेज आने पर लोगों को समय से उचित मदद मिल सके। इसके बाद 18 अप्रैल को इस ग्रुप को फेसबुक पर बनाया गया और अब इस पेज से 441 सदस्य जुड़े हुए हैं, जो 24×7 लोगों की मदद के लिए लगातार अपना योगदान दे रहे हैं। अब तक 200 से ज़्यादा लोगों को इस ग्रुप के जरिये मदद मिल चुकी है।
कैंपेन- ऑक्सीजन फॉर बिहार
क्रिएटर- रंजन मिस्त्री एंड मेडिशाला टीम
रंजन बताते हैं कि पिछले एक महीने में कोरोना की दूसरी लहर का असर पूरे देश में काफी गहरा रहा है। इस दौरान ऑक्सीजन को लेकर लोगों में काफी परेशानियां भी देखी गईं। ऐसे में मेडिशाला टीम ने मिलाप प्लेटफॉर्म पर एक कैंपेन की शुरुआत की जिसका नाम ऑक्सीजन फॉर बिहार रखा, जिसमें सहायता राशि का लक्ष्य एक करोड़ रुपये रखा गया। इसका मकसद लोगों की ओर से डोनेट की गई राशि से बिहार के ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन प्लांट लगाना है, जिससे लोगों को कोविड के समय ऑक्सीजन से जुड़ी परेशानियों का सामना ना करना पड़े। अब तक इस कैंपेन में 142 लोगों के सपोर्ट से हमें 98,000 रुपये की राशि मिली है।
क्रिएटर- दिलखुश कुमार और चेतन कुमार चंदन
चेतन बताते हैं कि आर्या गो टैक्सी सर्विस की ओर से कोविड स्पेशल सर्विस की शुरुआत की गई है, जिसमें उचित दाम के साथ लोगों की मदद की जा रही है। वे बताते हैं कि इस सर्विस की शुरुआत सहरसा, दरभंगा, पूर्णिया, मधुबनी, मधेपुरा और सौपुल में की गई है। हम ज़ल्द ही अपनी इस सेवा को मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, कटिहार और भागलपुर में सेवाएं शुरु करेंगे। कोरोना की दूसरे लहर के दौरान दिलखुश ने कैब के ड्राइवर से इस बारे में बात की और जिसके बाद 30 ड्राइवर इसमें अपना सहयोग दे रहे हैं। पिछले दस दिनों में कोविड स्पेशल सर्विस के जरिये 230 से ज़्यादा लोगों को सर्विस दी गई है। एप्प के जरिये लोग कोविड स्पेशल से कैब बुक कर सकते हैं और इसके साथ ही हम सैनिटाइजेशन का भरपूर ख्याल रखते हैं। गाड़ी में ड्राइवर की सीट और ट्रेवलर को सेपरेट किया गया है, जिससे कोविड संक्रमण का खतरा ना हो, मैनुअल सपोर्ट में स्पेशल ऑपरेशनल मैनेजर लगातार अपना योगदान दे रहे हैं।
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