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कोविड रोगियों के लिए टू-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोस दवा की पहली खेप आज जारी की गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इसे जारी किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने डॉक्टर रेड्डीज़ लैब के साथ मिलकर इस दवा को विकसित किया है। भारतीय औषधि महानियंत्रक ने हाल ही में इस दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि टू-डी जी दवा आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि संकट के समय में यह दवा आशा की नई किरण लेकर आई है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे कोविड रोगियों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 40 प्रतिशत कम होगी।
कोविड-19 महामारी से संघर्ष में केन्द्र सरकार के प्रयासों के बारे में राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सभी समस्याओं का समाधन हुआ है। उन्होंने कहा कि आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों, ऑक्सीजन, बिस्तरों और दवाओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में ऑक्सीजन के उत्पादन में उल्लेखनीय तेजी लाई गई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सहायता उपलब्ध कराने में सेना निरन्तर प्रयास कर रही है।
डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोविड रोधी दवा टू-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोस विकसित करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा डॉक्टर रेड्डीज़ लैब के वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह दवा वैज्ञानिकों की एक साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है। डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि कोरोना वायरस को बढ़ने से रोकने में यह दवा काफी हद तक प्रभावी है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को निरन्तर सुदृढ़ कर रही है। देश में प्रेशर स्विंग एडर्जोप्शन संयंत्र लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं और यह काम दो से तीन महीनों में पूरा कर लिया जायेगा।
हमारे संवाददाता ने बताया है कि डॉक्टर रेड्डीज़ लैब अगले महीने से टू-डी जी दवा का अधिक मात्रा में उत्पादन करेगी। यह दवा केवल अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों को दी जायेगी। टू-डी जी दवा पाउडर के रूप में उपलब्ध है जिसे पानी में घोलकर लेना होता है। यह दवा संक्रमित कोशिकाओं में पहुंचकर वायरस को बढने से रोकती है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की प्रयोगशाला नाभकीय औषधि और संबद्ध विज्ञान ने डॉक्टर रेड्डीज़ लेबोरेटरीज़ के साथ मिलकर टू-डी जी दवा विकसित की है। नैदानिक परीक्षणों के नतीजों में पाया गया है कि यह दवा अस्पतालों में भर्ती मरीजों के जल्दी स्वस्थ होने और पूरक ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करने में मदद करती है। भारतीय औषधि महानियंत्रक ने मध्यम से गम्भीर श्रेणी वाले कोविड मरीजों के उपचार में इसे सहायक दवा के रूप में इस्तेमाल की मंजूरी दी है। जेनरिक दवा और ग्लूकोज़ के रूप में होने की वजह से इसका देश में आसानी से उत्पादन हो सकता है तथा उपलब्ध हो सकती है।