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कोरोना की दूसरी लहर का कहर इस समय लोगों पर इस कदर टूटा है कि लोगों को जहां एक ओर मेडिकल  सुविधाओं की कमी हो रही है, वहीं दूसरी ओर लोगों के पास मज़बूत जानकारी ना होने के अभाव के कारण बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस समय गलत जानकारी, भ्रामक खबरों के कारण और नकारात्मकता के माहौल ने लोगों को एक ऐसे पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां से लोगों के लिए सही खबरों और जानकारियों का मिलना एक बहुत मुश्किल सबब बन गया है।

सरकार से आस लगाए लोगों ने ही सरकार के कोरोना को लेकर स्वार्थी रवैये से परेशान होकर स्वयं ही इस महामारी में कोरोना से लड़ने का इंतजाम करना शुरु कर दिया, क्योंकि इस महामारी की आंकड़ों की भीड़ में अपनों को मरता देखकर लोगों की नींद उड़ गई। इस महामारी से लड़ने के लिए स्वयं ही लोगों ने अपने स्तर पर सोशल मीडिया पर सहायता करने के प्रोग्राम चलाने शुरु कर दिए ताकि लोगों तक इसके बारे में सही जानकारी पहुंच सके। मगर वहां भी कुछ असामाजिक तत्वों ने इस महामारी की आपदा में भी अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए अवसरों को तलाशना शुुरु कर दिया, जिसके कारण बहुत से लोगों को आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां उठानी पड़ीं।

Divya Prakash
Divya Prakash

मुजफ्फरपुर के चार युवाओं ने लोगों की सहायता करने के लिए थामी कमान

अभी के इस समय में लोगों को कोरोना महामारी से सम्बन्धित सही जानकारी मिलने पर लोग अपने बल-बूते पर  आगे बढ़ कर कोरोना से जंग जीत रहे हैं। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर के चार युवाओं ने कोरोना से जंग लड़ने के लिए लोगों को इससे सम्बन्धित सही-सही जानकारी देना शुरु किया है।

21 अप्रैल को इन्होंने टि्वटर के माध्यम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से लोगों के बीच मदद पहुंचाने का काम शुरु किया था। इस कोरोना महामारी के समय लोगों को सही जानकारी मुहैया कराने वाले मुजफ्फरपुर के दिव्य प्रकाश बताते हैं कि उनके पास सहायता के लिए 600 से ज़्यादा कॉल्स आए, जिन्हें केवल सही जानकारी चाहिए थी।

 

Sunny

इस महामारी में लोगों की परेशानियों को देखकर उन्होंने एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया ताकि लोगों को इसके बारे में सही जानकारी मिल सके। उनके साथ इस पहला में निधि सिंह, निधि, सन्नी, संदीप कहनानी और अन्य जागरूक युवा शामिल हैं। ये दोस्त सभी जगहों से कोरोना से जुड़ी सही जानकारी जुटा कर लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। जैसे- ऑक्सीजन कहां मिलेगा? दवाइयां कहां से ली जा सकती हैं? ऑक्सीमीटर कहां से ले सकते हैं? मरीज़  को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत अगर आ गई है, तब बेड कहां मिल सकेगा? ऐसी सहायता करने वाली तमाम जानकारियां ये लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

Nidhi

ऐसे में साथ ही जिन परिवारों में सभी लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं, वहां ज़रूरत पड़ने पर लोगों तक खाना पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। इसके साथ ही घरों से लैब टेस्टिंग की सुविधा भी लोगों तक पहुंचाई जा रही है, ताकि लोगों को कोरोना की जांच कराने के लिए भीड़ का सामना ना करना पड़े। 

Nidhi Singh

हमें कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर काम करना ज़रूरी 

मुजफ्फरपुर के युवाओं की भागीदारी लोगों को कोरोना से जुड़ी सही जानकारी समेत अन्य तत्काल सुविधाओं को मुहैया कराने की है, ताकि लोग अपनी सहायता के लिए सही जगह पहुंच सकें।

मुजफ्फरपुर में काम कर रही युवाओं की टीम बताती है कि लोगों की मदद करने से उनमें सकारात्मकता का संचार होता है, क्योंकि लोगों को ठीक होते हुए देखकर वापस अपनी ज़िन्दगी में लौट आना सुखद है। अभी के समय की मांग केवल इतनी है कि लोग एकजुट होकर कार्य करें ताकि कोरोना के खिलाफ यह जंग जीती जा सके।

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