कोरोना की इस वैश्विक महामारी में बच्चों के सीखने-सिखाने के संबंध में बातचीत की जाए, तो यह सबसे चिंतनशील विषयों में से एक है। हम सभी यह बात, तो अच्छी तरह से जानते है कि इस समय बच्चों का सीखना काफी हद तक प्रभावित हुआ है, लेकिन इस पर चिंता जताने से बेहतर है कि हम कुछ रणनीतियों के बारे में सोच-विचार करें, जो बच्चों को घर में ही सीखने के अवसर दे सकें। इस लेख में हम कुछ ऐसी ही प्रभावी रणनीतियों को जानेंगे, जो अभिभावक अपने बच्चों के लिए अपना सकते हैं
आप अपने बच्चों के साथ घर पर ही मिलकर पाठ्यक्रम और संदर्भ आधारित प्रोजेक्ट बना सकते हैं। जैसे- बच्चे द्वारा लिखी कहानियों की एक बुकलेट बनाना, अपने परिवार के इतिहास के बारे में लिखना, परिवार की मासिक आय व् खर्च का बजट बनाना, अपने खेत या बगीचे के पौधों के इतिहास को बताना एवं उनके महत्व एवं फसल चक्र के बारे में लिखना।
अपने आस-पास के वातावरण में चीज़ों में बने पैटर्न को जानना एवं घर, आंगन, बगीचे व खेत आदि का परिमाप, क्षेत्रफल निकालना। बच्चों को व्यवहारिक जीवन से जुड़े काम-काजों का अनुभव देने के लिए घर के कामों में शामिल करना और उन्हें अपने अनुभवों की डायरी बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
आप अपने घर में बच्चों की आयु एवं उनकी इच्छानुसार कहानियों, कविताओं, यात्रा वर्णन आदि की किताबों को खरीदकर घर के एक हिस्से मेंउनके लिए पुस्तकालय बना सकते हैं। इस प्रकार की किताबें आप नेशनल बुक ट्रस्ट या नेहरु बाल पब्लिकेशन से ऑनलाइन मंगवा सकते हैं या फिर किसी बुक स्टोर से खरीद सकते हैं।
छोटे बच्चों को कॉपी, पन्नों, दीवारों पर लकीर खींचने एवं चित्र बनाने में बहुत आनंद आता है, तो आप बच्चों को चित्रकारी करने के अवसर दे सकते हैं। यह काम छोटे बच्चों को उनकी इच्छा पर छोड़ सकते है एवं बड़े बच्चों को किसी थीम आधारित चित्र बनाने को दे सकते हैं।
बच्चा जिस प्रकार की भी गतिविधि में शामिल हो रहा है, उसको लेकर अभिभावक या परिवार का कोई भी सदस्य उनके साथ बातचीत /चर्चा करें जैसे -उनको इस गतिविधि को करना कैसा लगा? प्रोजेक्ट या गतिविधि का सबसे पसंदीदा व चुनौती पूर्ण चरण कौन सा रहा और क्यों ? आपको इस प्रकार के प्रोजेक्ट /गतिविधि को करने के लिए किस प्रकार के सहयोग की ज़रूरत पड़ी और आपने किससे सहयोग लिया और क्यों ? आदि।
बच्चों की बाहरी क्रिया-कलापों में भागीदारी कम होने से उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है। इसलिए इस पर ध्यान देना भी ज़रूरी है, जिसके लिए आप बच्चों के साथ मैडिटेशन कर सकते हैं। इसके साथ ही घर के अन्दर या आगंन में किए जा सकने वाले व्यायाम एवं खेलों के लिए उन्हें प्रेरित कर सकते हैं, जिसमें बच्चों की शारीरिक कसरत हो सके।
उपरोक्त 5 सुझाव बच्चों की सीखने के प्रति जिज्ञासा बढाने, स्वतंत्र पाठक बनाने, परिवार के साथ जुड़ने के साथ -साथ अर्जित ज्ञान को दैनिक जीवन में उपयोग करने के अवसर प्रदान करते हैं।
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