This post is a part of YKA’s dedicated coverage of the novel coronavirus outbreak and aims to present factual, reliable information. Read more.
कोरोना क्या कहता हम से
ना निकलो तुम अपने घर से
ना खुद पर कोई शासन था
ना मन पर कोई जोर चले।
जंगल-जंगल कट जाते हैं
जाने कैसी ये दौड़ चले
जब तुमने धरती माता को
आंचल को बर्बाद किया।
तभी कोरोना आया है
धरती माँ ने ईजाद किया
देख कोरोना आज़ादी का
तुम को मोल बताता है।
गली-गली हर शहर-शहर
ये अपना ढ़ोल बजाता है
जो खुली हवा की सांसें है
उनकी कीमत की पहचान करो
ये आज़ादी जो मिली हुई है
थोड़ा सा इसका सम्मान करो
यही कोरोना कहता हमसे
बढे चलो पर थोडा थम के।

Youth Ki Awaaz के बेहतरीन लेख हर हफ्ते ईमेल के ज़रिए पाने के लिए रजिस्टर करें

You must be logged in to comment.