हम हमारे बजुर्गो से सुनते आ रहे है कि सर्दियों में ठंडा पानी पीना शरीर के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। ठंडा पानी पीने की वजह से होने वाला नुकसान सर्दियों में साइनस का रूप ले लेता है। बचपन में मेरे दादा सुबह उठकर गर्म पानी पीते थे। औऱ हमें भी गर्म पानी पीने को कहते थे। दादा कहते थे।ठड़ा पानी पीने से नाक के साथ-साथ सांस लेने में भी कठिनाई होने लगती है।और हमारे शरीर के अंग भी सही तरीके से कार्य नही करते।
सर्दियो में ठंडा पानी पीने से दिल की धड़कन धीमी हो जाती है क्योंकि ठंडे पानी को रीर में जज्ब करने के लिए दिल को एक्सट्रा मेहनत करनी पड़ती है। वैज्ञानिकों ने शोध के बाद बताया है कि ठंडा पानी पीने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि ठंडा पानी शरीर की वैगस तंत्रिका को ठंड के कारण सिकोड़ देता है। ध्यान रहे कि यही नर्व आपके उस नर्वस सिस्टम को संचालित करते हैं जो शरीर की कई गतिविधियों को कंट्रोल करता है। नर्व के डिस्टर्ब होने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आपने सर्दियों में हार्ट अटैक के ज्यादा केस सुने होंगे।
एकमात्र उपाय यही है कि सर्दियो में ठंडा पानी पीने से बचें। ज्यादा गर्म या गर्म पानी नहीं बल्कि गुनगुना पानी पिएं। गुनगुना पानी ह्रदय के लिए बेहतर है और इससे सर्दियों में आपका मेटाबॉलिज्म भी मजबूत होगा क्योंकि गुनगुना पानी आंतों को साफ करेगा। बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर गुनगुना पानी पीने को दें।
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