This post is a part of YKA’s dedicated coverage of the novel coronavirus outbreak and aims to present factual, reliable information. Read more.

बीते एक वर्ष से कोरोना वायरस ने दुनिया में कोहराम मचा रखा है। इससे बचने के लिए लोग बीते वर्ष कई महीनों तक अपने घरों मे कैद रहे हैं। बीमारी का कोई उचित इलाज ना होने से लोग घबरा रहे हैं। मगर हौसला और संयम से कोविड 19 को हराया जा सकता है। मैंने भी उसे हराया है।

तारीख 8 अप्रैल, समय रात के 1:30 बज रहे थे। उसी वक्त अचानक से मुझे सिर दर्द, हाथ-पैरों में दर्द और काफी तेज बुखार भी होने लगा, फिर मैंने उसी वक्त इंग्लैंड में कार्यरत एक करीबी डॉक्टर को व्हाट्सएप्प कॉलिंग किया और उन्हें सारी प्रॉब्लम बताई। उन्होंने मेरी समस्या को सुनकर एक ही शब्द में कह दिया कि आप में  99% कोरोना के लक्षण हैं। मैं डर सा गया फिर पैरासिटामॉल खाई और अपने आप को एक कमरे में कैद कर लिया और जैसे- तैसे मेरी रात कटी और सुबह हल्का ठीक हो गया। मुझे अपने ऑफिस का कुछ काम भी करना था, तो जितना मुझसे हो सका उतना काम मैंने किया।

फिर दोपहर से मुझे वही सिर दर्द, हाथ-पैरों में दर्द और दुबारा बुखार होने लगा, तो मैंने पैरासिटामॉल दवाई खाई। दवाई खाने के बाद मुझे हल्का आराम मिला फिर शाम से वही सब शुरु हो गया। उस रात को मुझे काफी बेचैनी सी होने लगी और सिर दर्द, बुखार थकावट होने लगी। कुछ देर बाद मुझे बुखार के साथ-साथ हल्की खांसी और कमज़ोरी महसूस होने लगी। मुझे वह रात बड़ी मुश्किल सी लग रही थी, क्योंकि मैं 99% कोरोना से संक्रमित था।

 मेरा कुछ भी काम करने का मन नहीं कर रहा था और इसके साथ ही मुझे 102 डिग्री तेज बुखार था। मुझसे की-बोर्ड पर उंगलियां रखी नहीं जा रही थी फिर भी मैं इस बीमारी के बीच अपनी ज़िम्मेदारी को नहीं भूला (शुक्रवार – शनिवार को 102 डिग्री बुखार के साथ मैंने अपने ऑफिस का काम बखूबी से किया और फिर रविवार और सोमवार को अपना वीकऑफ था और इसी बीच मेरे शरीर और इस बीमारी के बीच जंग छिड़ी हुई थी, तो मैंने ऑफिस के काम से कुछ दिनों की छुट्टी ले ली ) उसके बाद मैंने अपने शहर के अपने सबसे करीबी डॉक्टर से बात की।

उन्होंने मुझे कुछ दवाइयां भेजीं और मुझसे कहा कि तुम आराम करो और इसके साथ उन्होंने मुझे कुछ महत्वपूर्ण बातें भी बताईं  जैसे- गर्म पानी की भाप लो, गर्म पानी का सेवन, काढ़ा और कोरोना टेस्ट भी करा लेने की मुझे सलाह दी। इस बीच मैं अपने परिवार से अलग रहने लगा और स्वयं के परिवार और समाज को इस संक्रमण से बचाने के लिए खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। मेरे परिवार के भी सभी लोग खाने-पीने से लेकर मेरी हर ज़रूरत का बखूबी से ख्याल रखते रहे।

इसी बीच बहुतों ने मुझे फोन करके मुझे हिम्मत दी और डॉक्टर साहब अजय सिंह का बहुत-बहुत आभार, क्योंकि उन्होंने हमेशा मेरा और मेरे परिवार का मुश्किल दौर में साथ दिया है। बहुत सारा आभार मेरे नाना-नानी जी का, मां -पापा का, मेरे सबसे करीबी दोस्त पीपी, भाई का, परिवार के हर सदस्य का और जिनके साथ हर शाम चाय की  चुस्की भी लेते थे। उन दोस्तों का भी शुक्रिया, जो मेरे साथ वीडियो कॉल के माध्यम से जुड़े रहे।

 इस इंटरनेट की दुनिया का भी शुक्रिया, जो इस मुश्किल वक्त से गुज़रने में इसने बखूबी से मेरा साथ निभाया। धीरे-धीरे धैर्य के साथ 5 दिन बीतने के बाद मैंने कोविड टेस्ट कराया और फिर ज़िन्दगी में कुछ नेगेटिव चीज़ें भी खुशियां लेकर आती हैं। मेरी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई और मैंने 99 % को 1%से मात दे दी और कोरोना पर विजय प्राप्त कर ली। खैर, कोरोना ने मेरे शरीर की ताकत को काफी कमज़ोर कर दिया, लेकिन मेरे हौसले और हिम्मत को नहीं।

वैसे, इस वक्त मैं कोरोना ने जो शरीर की ताकत को काफी कमज़ोर कर दिया था ,उसे मजबूत कर रहा हूं। मैंने अब अपने घर से काम शुरू कर दिया है। मेरे जानकार डॉक्टर बता रहे थे कि मुझे रिकवर होने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा। इस बीच जिसने मेरी छोटी-छोटी ज़रूरतों का भी खूब ध्यान रखा, उसे दिल से शुक्रिया।

मैं बीते एक वर्ष से बिहार में हूं। मैं अपने घर से ही काम कर रहा हूं। काफी सतर्कता बरत रहा हूं और मास्क- सेनेटाइजर जैसी उपयोगी चीज़ों का इस्तेमाल कर रहा हूं। मैं बहुत ही ज़रूरी होने पर ही अपने घर से बाहर निकलता हूं।

अंत में देश में कोरोना एक बार फिर भयावाह रूप ले लिया है। इसलिए बहुत ही ज़रूरी हो तब ही आप अपने घरों से बाहर निकलें और मास्क-सेनिटाइजर का उपयोग करें। सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं रखें। आप सब अपना और अपने परिवार का खूब ख्याल रखें।

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