
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन का एलान करते वक्त प्रवासी कामगारों से राजधानी न छोड़ने की अपील की थी, लेकिन अंतरराज्यीय बस अड्डों समेत दूसरी जगहों से उनके पलायन का सिलसिला तेज हो गया है। दोपहर बाद शुरू हुआ लोगों का पलायन देर रात कर्फ्यू लागू होने के बाद भी जारी रहा। आनंद विहार, सराय काले खां सहित सभी बस अड्डों और अलग-अलग इलाकों से निजी बसों में प्रवासी कामगार अपने घर को वापस लौटते हुए दिखाई दिए।
आनंद विहार से कौशांबी बस अड्डे को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज पर भीड़ इतनी बढ़ गई कि हालात को काबू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को उतरना पड़ा। पुल पर पूरे दिन जनसैलाब ऐसा था, जैसे उन्हें लॉकडाउन जल्दी न खुलने की उम्मीद हो। इस दौरान तमाम जगहों पर उन्होंने कोरोना से बचाव के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाईं। आनंद विहार बस अड्डे पर उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली बसों में सवार होने के लिए हजारों लोग मौजूद थे। दोपहर बाद के हालात डरावने थे।
आनंद विहार आईएसबीटी से यूपी के शहरों में जाने वालों को कौशांबी फुटओवर ब्रिज पर भेजा गया था। यहां कुछ ही मिनटों में भीड़ इतनी बढ़ गई कि धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान कोरोना से बचाव के नियमों की कौन कहे, कई लोगों को शारीरिक चोटों से बचने के प्रयास करते देखा गया। आनंद विहार बस अड्डे से लोकल और यूपी के लिए बसों की आवाजाही बंद होने के बाद यात्रियों के लिए फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल मजबूरी थी। यहां लोगों की पुलिसकर्मियों और सिविल डिफेंस कर्मियों से जगह-जगह बहस भी हुई।
इस दौरान निजी बस ऑपरेटरों ने जमकर चांदी काटी। उनके एजेंट पूरे इलाके में सक्रिय हो गए और बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ और गोरखपुर आदि शहरों के लिए सीट देने के दावे करके बुकिंग करने लगे। बस में घुसने पर जिसे जहां मौका मिला, बैठ गया। न तो बसों के अंदर सामाजिक दूरी थी, न ही बाहर।
सीएम ने कहा, छोटा है लॉकडाउन
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह समझना मुश्किल नहीं कि लॉकडाउन के दौरान लोगों के रोजगार खत्म हो जाते हैं। कमाई खत्म होने से गरीब तबके के लिए मुश्किल हालात होते हैं। दिहाड़ी मजदूरों के लिए समस्या और ज्यादा है। प्रवासी मजदूरों से अपील है कि यह छोटा-सा केवल 6 दिन का लॉकडाउन है। आप दिल्ली छोड़कर मत जाइएगा। आने-जाने में आपका इतना समय, पैसा और काफी ऊर्जा खत्म हो जाएगी। आप दिल्ली में ही रहिए। मुझे उम्मीद है कि यह छोटा लॉकडाउन है और छोटा ही रहेगा। शायद बढ़ाने की जरूरत न पड़े।
सराय काले खां पर भी जमा थी भीड़
सराय काले खां बस अड्डे के सामने से मध्य प्रदेश के छत्तरपुर, दमोह, ग्वालियर और छत्तीसगढ़ आदि के लिए बसें रवाना हुईं। यहां ज्यादातर बसें सीटें फुल होने के बाद ही रवाना हुईं। इस दौरान बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग नियमों की अनदेखी पर मजबूर रहे। छत्तरपुर जा रहे एक युवक ने बताया कि वह नौकरी कर रहा था। अब लॉकडाउन में क्या करेगा।
लॉकडाउन बढ़ने का भी दिखा डर
दिल्ली से अधिकतर यात्री अपना सामान भी साथ लेकर जा रहे हैं। इसलिए बसों में जगह तत्काल फुल हो रही थी। कई यात्रियों ने बातचीत में बताया कि उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि लॉकडाउन अब जाने कितने दिनों के लिए लागू कर दिया जाए।
पुलिस आयुक्त ने भी दिल्ली न छोड़ने की अपील
पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने प्रवासी कामगारों से अपील की कि वे दिल्ली न छोड़ें। उन्होंने कहा कि काम छूटने के कारण प्रवासी मजदूर लौटना चाह रहे हैं। उनसे अपील है कि दिल्ली न छोड़ें। सब मिलकर उनकी मदद करेंगे।