चंडीगढ़, सफीदों: सरकार के गेंहू का एक-एक दाना खरीद किए जाने के दावे और जिला उपायुक्त द्वारा अधिकारियों को दिए गए जल्द खरीद, भराई, उठाई व पेमैंट करवाने के आदेशों के बीच सफीदों की पुरानी मंडी ऐसी मंडी है जहां पर अभी तक गेंहू की खरीद ही शुरू नहीं हुई है। करीब दो हफ्तों से पुरानी मंडी में गेंहू के बड़े-बड़े ढेर पड़े हुए है। इस गेंहू की आढ़तियों व किसानों को सुरक्षा तो करनी ही पड़ रही है साथ ही साथ खराब मौसम में बारिश से इसके खराब होने का अंदेशा पैदा हो गया है।
पुरानी अनाज मंडी में आजतक नहीं बिका गेंहू का एक भी दाना खरीद ना होने पर रोषित आढ़ती |
यहां के आढ़तियों व किसानों में गेंहू की खरीद ना शुरू किए जाने से रोष पैदा हो गया है। इस समस्या को लेकर आढ़ती मार्किट कमेटी सचिव जगजीत सिंह कादियान से मिले। मार्किट कमेटी सचिव ने आढ़तियों को जल्द खरीद शुरू करवाने का भरोसा दिया है। गौरतलब है कि पुरानी अनाज मंडी को सरकार द्वारा डी-नोटिफाई किया हुआ है लेकिन नई अनाज मंडी स्थान के अभाव व कोरोना महामारी के चलते हुए गेंहू की सीजन के लिए इसे परचेज सैंटर का रूप दे दिया गया था।
काफी किसानों ने पुरानी अनाज मंडी में अपनी फसल डाल रखी है। इस परचेज सैंटर के अस्तित्व में आने के बाद सरकार ने यहां पर गेंहू खरीद करने की पूरी जिम्मेदारी खाद्य आपूर्ति विभाग को दी थी लेकिन खरीद एजेंसी के अधिकारी अभी तक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। आढ़ती विपिन जैन, विपुल जैन, बृजमोहन तायल, बिंटा जैन व प्रवीन जैन समेत अनेक आढ़तियों ने कहा कि पिछले दो हफ्तों से इस मंडी में एकदम साफ-सुथरा व सुखा हुआ लाखों कट्टे गेंहू ढेर के रूप में पड़ा हुआ है।
इस मंडी में अलाट खरीद एजेंसी डीएफएससी आढ़तियों व किसानों की कोई सूध नहीं ले रही है। यह संशय बना हुआ है कि आखिर कब खरीद होगी, कब भराई होगी, कब उठान होगा और कब किसानों को फसल की कीमत प्राप्त होगी। वे पहले तो इस गेंहू की सुरक्षा में दिनरात लगे हुए है और अब ऊपर से मौसम पूरी तरह से खराब हो चुका है। अगर बारिश हो गई तो किसान का यह पीला सोना मिट्टी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि वे फूड एंड सप्लाई अधिकारी से कई बार खरीद कार्य शुरू करने के लिए मिल चुके है लेकिन उनकी तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। वे अपना पल्ला झाड़ते हुए कहते
है कि वे खरीद नहीं करेंगे और ना ही उनके पास बारदाना है।
आढ़तियों ने सवाल किया कि अगर यह लाखों किवंटल माल बारिश की भेंट चढ़ गया तो इसका जिम्मेवार कौन होगा। इस मामले में मार्किट कमेटी सचिव जगजीत सिंह कादियान ने कहा कि कोरोनाकाल में सोशल डिस्टेंस बनाने व नई अनाज मंडी में जगह की कमी के चलते सरकार से मंजूरी लेकर पुरानी अनाज मंडी में परचेज सैंटर बनाया गया था। खरीद एजेंसी फूड एंड सप्लाई के अधिकारियों से बात करके जल्द ही यहां पर खरीद कार्य शुरू करवाया जाएगा। सरकार किसान का एक-एक दाना खरीदने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।