कोरोना: राहुल गांधी ने रद्द कीं बंगाल की सभी जनसभाएं, दूसरे नेताओं से की यह अपील

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Sun, 18 Apr 2021 12:58 PM IST

सार

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाांधी ने चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से भी चुनावी कार्यक्रम नहीं करने की अपील की है।

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विस्तार

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाांधी ने चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। राहुल गांधी ने कहा कि देश में कोरोना की रफ्तार तेजी से फैल रही है। ऐसे में रैली और सभा करना जनहित में उचित नहीं है। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से भी चुनावी कार्यक्रम नहीं करने की अपील की है। राहुल ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बंगाल में सभी चुनावी सभाओं को रद्द कर रहा हूं। बाकी लोगों से भी जनसभाएं नहीं करने की गुजारिश करता हूं। वहीं पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा का चुनावी अभियान जारी रखने का एलान किया था। 

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तीन चरणों का मतदान बाकी

गौरतलब है कि बंगाल में आठ चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पांच चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। राज्य में अभी तीन चरण का चुनाव बाकी है। 22 अप्रैल को छठे चरण का मतदान होगा। इससे पहले सियासी दलों के नेता लगातार प्रचार करने में व्यस्त हैं। सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण में चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।

शाह ने राहुल पर ली चुटकी

गौरतलब है कि शनिवार को अमित शाह ने बंगाल में तीन सभाओं को संबोधित किया था। इस दौरान अमित शाह ने राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए उन्हें पर्यटक नेता बताया था। उन्होंने कहा कि था कि बंगाल में चुनाव अंतिम चरण में चल रहा है और अब कांग्रेस के एक नेता यहां पर प्रचार करने पहुंचे हैं। बता दें कि बंगाल में भाजपा और सत्तारूढ़ दल टीएमसी के बीच मुख्य मुकाबला है। कांग्रेस 2016 विधानसभा चुनाव में 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पार्टी इसे बरकरार रखना चाहती है। 

देश में कोरोना की रफ्तार बेकाबू

बता दें कि बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 2 लाख 61 हजार 500 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 1501 लोगों की जान चली गई हैं। देश में अबतक 1 लाख 77 हजार 150 लोगों की मौत हो चुकी है।  वहीं कुल पॉजिटिव केस की संख्या 1.47 करोड़ के पार पहुंच गई है। भारत में सबसे ज्यादा चिंताजनक एक्टिव केसों की बढ़ती संख्या है। राज्यों में बुनियादी मेडिकल सुविधाओं की कमी होती जा रही है।

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